बुधवार, 31 जनवरी 2018

Pramod Krishna Shastri



Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri (((( दुःख का स्वाद ))))
.
एक बार एक नवयुवक किसी संत के पास पहुंचा और बोला महात्मा जी, मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत परेशान हूँ, कृपया इस परेशानी से निकलने का उपाय बताएं 
.
संत बोले, “ पानी के ग्लास में एक मुट्ठी नमक डालो और उसे पीयो. युवक ने ऐसा ही किया .
.
इसका स्वाद कैसा लगा ? संत ने पुछा।
.
बहुत ही खराब … एकदम खारा - युवक थूकते हुए बोला .
.
संत मुस्कुराते हुए बोले, एक बार फिर अपने हाथ में एक मुट्ठी नमक ले लो और मेरे पीछे -पीछे आओ . 
.
दोनों धीरे -धीरे आगे बढ़ने लगे और थोड़ी दूर जाकर स्वच्छ पानी से बनी एक झील के सामने रुक गए .
.
चलो, अब इस नमक को पानी में डाल दो.. संत ने निर्देश दिया। युवक ने ऐसा ही किया .
.
अब इस झील का पानी पियो.. संत बोले.. युवक पानी पीने लगा 
.
एक बार फिर संत ने पूछा.. बताओ इसका स्वाद कैसा है, क्या अभी भी तुम्हे ये खारा लग रहा है ?
.
नहीं, ये तो मीठा है , बहुत अच्छा है... युवक बोला .
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संत युवक के बगल में बैठ गए और उसका हाथ पकड़ के बोले.. के हमारे दुःख भी बिलकुल नमक की तरह हैं ; न इससे कम ना ज्यादा . 
.
जीवन में दुःख की मात्र वही रहती है , बिलकुल वही . लेकिन हम कितने दुःख का स्वाद लेते हैं ये इस पर निर्भर करता है कि हम उसे किस पात्र में डाल रहे हैं .
.
इसलिए जब तुम दुखी हो तो सिर्फ इतना कर सकते हो कि खुद को बड़ा कर लो ग़्लास मत बने रहो झील बन जाओ .

 ((((((( जय जय श्री राधे )))

वृंदावन धाम बांके बिहारी जी का सुंदर प्रसंग जरूर पढ़ें

एक राजा ने भगवान कृष्ण का एक मंदिर बनवाया
और पूजा के लिए एक पुजारी को लगा दिया. पुजारी बड़े भाव से
बिहारीजी की सेवा करने लगे. भगवान की पूजा-अर्चना और
सेवा-टहल करते पुजारी की उम्र बीत गई. राजा रोज एक फूलों की
माला सेवक के हाथ से भेजा करता था.पुजारी वह माला बिहारीजी
को पहना देते थे. जब राजा दर्शन करने आता तो पुजारी वह माला बिहारीजी के गले से उतारकर राजा को पहना देते थे. यह रोज का
नियम था. एक दिन राजा किसी वजह से मंदिर नहीं जा सका.
उसने एक सेवक से कहा- माला लेकर मंदिर जाओ. पुजारी से कहना
आज मैं नहीं आ पाउंगा. सेवक ने जाकर माला पुजारी को दे दी और
बता दिया कि आज महाराज का इंतजार न करें. सेवक वापस आ
गया. पुजारी ने माला बिहारीजी को पहना दी. फिर उन्हें विचार आया कि आज तक मैं अपने बिहारीजी की चढ़ी माला
राजा को ही पहनाता रहा. कभी ये सौभाग्य मुझे नहीं
मिला.जीवन का कोई भरोसा नहीं कब रूठ जाए. आज मेरे प्रभु ने
मुझ पर बड़ी कृपा की है. राजा आज आएंगे नहीं, तो क्यों न माला
मैं पहन लूं. यह सोचकर पुजारी ने बिहारीजी के गले से माला
उतारकर स्वयं पहन ली. इतने में सेवक आया और उसने बताया कि राजा की सवारी बस मंदिर में पहुंचने ही वाली है.यह सुनकर
पुजारी कांप गए. उन्होंने सोचा अगर राजा ने माला मेरे गले में देख
ली तो मुझ पर क्रोधित होंगे. इस भय से उन्होंने अपने गले से
माला उतारकर बिहारीजी को फिर से पहना दी. जैसे ही राजा
दर्शन को आया तो पुजारी ने नियम अुसार फिर से वह माला
उतार कर राजा के गले में पहना दी. माला पहना रहे थे तभी राजा को माला में एक सफ़ेद बाल दिखा.राजा को सारा माजरा समझ गया
कि पुजारी ने माला स्वयं पहन ली थी और फिर निकालकर
वापस डाल दी होगी. पुजारी ऐसाछल करता है, यह सोचकर राजा
को बहुत गुस्सा आया. उसने पुजारी जी से पूछा- पुजारीजी यह
सफ़ेद बाल किसका है.? पुजारी को लगा कि अगर सच बोलता हूं
तो राजा दंड दे देंगे इसलिए जान छुड़ाने के लिए पुजारी ने कहा- महाराज यहसफ़ेद बाल तो बिहारीजी का है. अब तो राजा गुस्से
से आग- बबूला हो गया कि ये पुजारी झूठ पर झूठ बोले जा रहा
है.भला बिहारीजी के बाल भी कहीं सफ़ेद होते हैं. राजा ने कहा-
पुजारी अगर यह सफेद बाल बिहारीजी का है तो सुबह शृंगार के
समय मैं आउंगा और देखूंगा कि बिहारीजी के बाल सफ़ेद है या
काले. अगर बिहारीजी के बाल काले निकले तो आपको फांसी हो जाएगी. राजा हुक्म सुनाकर चला गया.अब पुजारी रोकर
बिहारीजी से विनती करने लगे- प्रभु मैं जानता हूं आपके
सम्मुख मैंने झूठ बोलने का अपराध किया. अपने गले में डाली
माला पुनः आपको पहना दी. आपकी सेवा करते-करते वृद्ध हो
गया. यह लालसा ही रही कि कभी आपको चढ़ी माला पहनने का
सौभाग्य मिले. इसी लोभ में यह सब अपराध हुआ. मेरे ठाकुरजी पहली बार यह लोभ हुआ और ऐसी विपत्ति आ पड़ी है. मेरे
नाथ अब नहींहोगा ऐसा अपराध. अब आप ही बचाइए नहीं तो
कल सुबह मुझे फाँसी पर चढा दिया जाएगा. पुजारी सारी रात रोते
रहे. सुबह होते ही राजा मंदिर में आ गया. उसने कहा कि आज
प्रभु का शृंगार वह स्वयं करेगा. इतना कहकर राजा ने जैसे ही मुकुट
हटाया तो हैरान रह गया. बिहारीजी के सारे बाल सफ़ेद थे. राजा को लगा, पुजारी ने जान बचाने के लिए बिहारीजी के बाल रंग
दिए होंगे. गुस्से से तमतमाते हुए उसने बाल की जांच करनी
चाही. बाल असली हैं या नकली यब समझने के लिए उसने जैसे
ही बिहारी जी के बाल तोडे, बिहारीजी के सिर से खून
कीधार बहने लगी. राजा ने प्रभु के चरण पकड़ लिए और क्षमा
मांगने लगा. बिहारीजी की मूर्ति से आवाज आई- राजा तुमने आज तक मुझे केवल मूर्ति ही समझा इसलिए आज से मैं तुम्हारे
लिए मूर्ति ही हूँ. पुजारीजी मुझे साक्षात भगवान् समझते हैं.
उनकी श्रद्धा की लाज रखने के लिए आज मुझे अपने बाल सफेद
करने पड़े व रक्त की धार भी बहानी पड़ी तुझे समझाने के लिए.

 कहते हैं- समझो तो देव नहीं तो पत्थर.श्रद्धा हो तो उन्हीं पत्थरों में भगवान सप्राण
होकर भक्त से मिलने आ जाएंगे ।।

श्री वृन्दावन बांके बिहारी लाल की जय हो  ।
🙏🌹🙏🌹🙏🌹🙏

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

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Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

उत्सव मनाने का सही दिन कौन सा है ??Which is the perfect day to celebrate??.

एक व्यक्ति ने एक फकीर से पुछा,
     उत्सव मनाने का बेहतरीन
             दिन कौन सा है ???

      फकीर ने प्यार से कहा - मौत से
              एक दिन पहले!

       व्यक्ति: मौत का तो कोई वक़त नहीं!
         फकीर ने मुस्कुराते हुए कहा..
"तो ज़िंदगी का हर दिन आख़री समझो"
                      और
              "जीने का आनन्द लो
            !!राधे राधे!!     
राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता   
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
   श्री धाम वृंदावन
संपर्क    9453316276

One person asked a fakir,

Best celebration

what day is ???


Fakir said lovingly - by death

one day before!


Person: There is no chance of death!

Fakir smiled saying ..

"Think of Life's Everyday"

And

Enjoy the living

!! Radhe Radhe !!

National Bhagwat Tale Spokesperson

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj

Shri Dham Vrindavan

Contact 9453316276

मंगलवार, 30 जनवरी 2018

चलो 84कोस की यात्रा कराते हे आपको आज।। ब्रज ८४ कोस यात्रा में मिलने वाले सभी स्थानों के नाम Let's visit 84 kos for you .. Name of all the places found in Braj 84 Kos Tour

चलो 84कोस की यात्रा कराते हे आपको आज।।
ब्रज ८४ कोस यात्रा में  मिलने वाले सभी स्थानों के नाम
Let's visit 84 kos for you ..
Name of all the places found in Braj 84 Kos Tour
👏 �वृंदावन मे -राधे राधे,
👏 �सुनरक गांव मे -राधे राधे,
👏 �कालिदह पर -राधे राधे,
👏 �अद्वैतवट मे -राधे राधे,
👏 �तान गलि मे -राधे राधे, 
👏 �मान गलि मे -राधे राधे,
👏 �कुमान गलि मे -राधे राधे,
👏 �हो कुंज गलि मे -राधे राधे,
👏 �सेवाकुंज मे -राधे राधे, 
👏� प्रेम गलि मे -राधे राधे,
👏 �श्रृंगार वट पे -राधे राधे,
👏 �चीर घाट मे -राधे राधे,
👏 �केशीघाट पे -राधे राधे,
👏 �हो निधिवन जी मे -राधे राधे,
👏 �वंशीवट पे -राधे राधे,
👏 �ज्ञान गुदडी -राधे राधे- 
👏 �श्री राधे राधे राधे 
👏 �बरसाने वाली राधे - 
👏 �श्री राधे राधे राधे 
👏 �बरसाने वाली राधे- 
👏� ब्रह्म कुण्ड पे -राधे राधे,
👏 �गोपेश्वर महादेव -राधे राधे, 
👏�श्री बांके बिहारी -राधे राधे,
👏 �स्नेह बिहारी -राधे राधे,
👏 �मदन मोहन जी -राधे राधे,
👏 �गोपीनाथ जी -राधे राधे, 
👏 �राधा दामोदर -राधे राधे ,
👏 �राधा विनोद जी -राधे राधे, 
👏 �साक्षी गोपाल जी -राधे राधे, 
👏 �राधा माधव जी -राधे राधे, 
👏 �श्री राधा वल्लभजी -राधे राधे, 
👏 �श्री युगल किशोर जी -राधे राधे,
👏 �श्री राधा रमण जी -राधे राधे,
👏� अष्टसखि जी -राधे राधे ,
👏 �अटल वन मे -राधे राधे,
👏 �विहार वन मे -राधे राधे,
👏� गोचारण वन मे-राधे राधे, 
👏�गोपाल वन मे--राधे राधे 
👏 �वृंदावन का कण कण बोले 
👏 �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �यमुना जी की लहरे बोले 
👏 �श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
👏 �भक्त जनो की वाणी बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा-- 
👏 �निधिवन जी मे बंदर बोले 
👏� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
👏 �वेणुकूप पे -राधे राधे, 
👏 �दावानल कुण्ड पे -राधे राधे,
👏 �वलत्ठी महादेव -राधे राधे,
👏 �श्री निकुंज वन मे -राधे राधे,
👏 �राधावन मे -राधे राधे,
👏 �झुलन वन मे -राधे राधे,
👏 �पारनघाट पे -राधे राधे,
👏 �सुर्यघाट पे -राधे राधे,
👏 �युगल घाट पे -राधे राधे ,
👏 �विहार घाट पे -राधे राधे,
👏 �आंधेर घाट पे -राधे राधे,
👏 �श्रृंगार घाट पे -राधे राधे,
👏 �श्री भ्रमर घाट पे -राधे राधे,
👏 �श्री पानी घाट पे -राधे राधे,
👏 �चामुण्डा देवी -राधे राधे,
👏 �टेर कदम्ब मे -राधे राधे,
👏 �वृंदावन का कण कण बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �यमुना जी की लहरे बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �श्याम सुंदर की वंसी बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �रसिक जनो की वाणी बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �मथुरा जी मे, -राधे राधे,
👏 �श्री जन्मभुमि पे,-राधे राधे,
👏 �श्री द्वारिका पे,-राधे राधे,
👏 �भुतेश्वर पे,,-राधे राधे,
👏 �विश्राम घाट पे,-राधे राधे,
👏 �श्री स्वामी घाट पे,-राधे राधे,
👏 �मधुवनजी मे,-राधे राधे,
👏 �मधुकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �मधुवनबिहारी पे-राधे राधे,
👏 �पिपलीश्वर महादेव पे-राधे राधे,
👏 �अक्रुर भवन मे,-राधे राधे,
👏 �पुजाकुप मे,-राधे राधे,
👏� श्री राधे गोपाल,
👏 �हो भजमन श्री राधे गोपाल--
👏 �भजमन श्री राधे गोपाल ,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल--
👏� तालवन मे,-राधे राधे,
👏 �कुमुदवन मे,-राधे राधे,
👏 �तटिया जी मे,, -राधे राधे,
👏 �गौराई गांव मे,,-राधे राधे,
👏 �छटीकरा मे,-राधे राधे,
👏 �गरुड गोविंद मे,-राधे राधे,
👏 �गंधेश्वरी देवी में,-राधे राधे,
👏 �खेचरी गांव मे,-राधे राधे,
👏 �शान्तन कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �बहुलावन मे,-राधे राधे,
👏 �शकना गांव मे,-राधे राधे,
👏 �तोष गांव मे,-राधे राधे,
👏 �विहारवन मे,-राधे राधे,
👏 �बसौंती गांव मे,-राधे राधे,
👏 �रालग्राम मे,-राधे राधे,
👏 �माधुरी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �मयुर गांव मे,-राधे राधे,
👏 �छकला गांव मे,-राधे राधे,
👏� अडिग गांव मे--राधे राधे,
👏 �भजमन श्री राधे गोपाल,
👏 �भजमन श्री राधे गोपाल,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल 
👏 �गोवर्धन मे,-राधे राधे,
👏 �दानघाटी मे,-राधे राधे,
👏 �मुखारविन्द पे,-राधे राधे,
👏 �रणमोचन कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �पापमोचन कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �संकर्षण कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �गोविन्द कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �गंधर्व कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �गौरी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �पुंछरी का लौठा,-राधे राधे,
👏 �साक्षी गोपाल जी,-राधे राधे,
👏 �ईंद्रकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �सुरभी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� एरावत कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �जतीपुरा मे,-राधे राधे,
👏� सुर्यकुण्ड पे---राधे राधे,
👏 �हमारो धन राधा 
👏 �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �परम धन राधा 
👏 �राधा राधा राधा राधा --
👏 �हमारो धन राधा 
👏 �श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏� सखी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� उद्धव कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �शिवखोर मे,-राधे राधे,
👏 �मानसरोवर,-राधे राधे,
👏� ललिता कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �राधा कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �श्याम कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �कंकण कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �वज्रनाभ कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �वलतठी महादेव,-राधे राधे,
👏 �महाप्रभु बैठक,-राधे राधे,
👏 �वल्लभ बैठक,-राधे राधे,
👏 �गोपीनाथ जी,-राधे राधे,
👏 �हमारो धन राधा 
👏� श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏 �जीवन धन राधा 
👏� राधा राधा राधा राधा
👏� हमारो धन राधा 
👏 �श्री राधा श्री राधा श्री राधा-
👏� कुसुम सरोवर,-राधे राधे,
👏 �श्यामकुटि पे,-राधे राधे,
👏 �नारद कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� संतनिवास,-राधे राधे,
👏� अलोलकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� ग्वालपोखरा,-राधे राधे,
👏� हरिगोकुल मे,-राधे राधे,
👏 �हरिदेव मंदिर,-राधे राधे,
👏 �ब्रह्म कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �मानसी गंगा,-राधे राधे,
👏 �चकलेश्वर पे,-राधे राधे,
👏� हो चकलेश्वर पे---राधे राधे,
👏� श्री राधे राधे राधे 
👏 �बरसाने वाली राधे--
👏 राधे राधे राधे 
👏� बरसाने वाली राधे- 
👏 बी�लाठावन मे,-राधे राधे,
👏� लालाकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� काम्यवन मे,-राधे राधे,
👏 �विमल कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� गया कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �धर्म कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �अनंत कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� गोपी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �कामेश्वर महादेव,-राधे राधे,
👏� स्वर्णपुर मे,-राधे राधे,
👏� सहस्त्रसरोवर,-राधे राधे,
👏� श्री वृंदा देवी,-राधे राधे,
👏� चंद्रशेखर महादेव, -राधे राधे,
👏 �राधे राधे राधे 
👏� बरसाने वाली राधे--
👏� श्री राधे राधे राधे 
👏� बरसाने वाली राधे
👏 �बरसाने मे,-राधे राधे,
👏� ब्रह्म पर्वत पे,-राधे राधे,
👏� विष्णु पर्वत पे,-राधे राधे,
👏� श्री ललिता मंदिर,-राधे राधे,
👏 �दानगढ मे,-राधे राधे,
👏 �मानगढ मे,-राधे राधे,
👏� मोरकुटि पे,-राधे राधे,
👏� रासमण्डल मे,-राधे राधे,
👏 �खोर सांकरी, -राधे राधे,
👏 �गहरवन वन मे-राधे राधे,
👏 �राधा सरोवर,-राधे राधे,
👏� दोहिनी कुण्ड मे,-राधे राधे,
👏� मयुर सरोवर,-राधे राधे,
👏� श्री मानसरोवर,-राधे राधे,
👏� श्री गोवर्धन पर्वत भी बोले-
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --- 
👏 �बरसाने के मोर बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
👏� विहार कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� दोहिनि कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� ब्रजेश्वर महादेव,-राधे राधे,
👏� पीली पोखर,-राधे राधे,
👏� प्रिया सरोवर,-राधे राधे,
👏 �विलासगढ मे,-राधे राधे,
👏� चिकसौली गांव मे,-राधे राधे,
👏� ऊंचा गांव मे,-राधे राधे,
👏� कार्तिक सरोवर, -राधे राधे,
👏� महारुद्र जी,-राधे राधे,
👏 �रंगीली गलि मे,-राधे राधे,
👏 �रीठौरा गांव मे,-राधे राधे,
👏� चंद्रावली कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �यशोदा मंदिर,-राधे राधे,
👏 �हो ललिता कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �वृंदावन का कण कण बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा ---
👏� रसिक जनो की वाणी बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --- 
👏� विशाखा कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� मधुसुदन कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �संकेतवन मे,-राधे राधे,
👏� संकेतकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� संकेतबिहारी,-राधे राधे,
👏� हो विह्वल कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� हो विह्वल वन मे,-राधे राधे,
👏 �प्रेम सरोवर,-राधे राधे,
👏� जावट गांव मे,-राधे राधे,
👏� किशोरी कुण्ड पे, -राधे राधे,
👏 �सिद्ध कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� कुण्डलकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �मुक्ताकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �लाडलीकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल-
👏 �भजमन श्री राधे गोपाल, 
👏� भजमन श्री राधे गोपाल-
👏 �नंदगांव मे,-राधे राधे,
👏 �नंदीश्वर पर्वत,-राधे राधे,
👏 �नंदीश्वर महादेव-राधे राधे,
👏� नंदीश्वरकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �पावनसरोवर,-राधे राधे,
👏 �शोदाकूप मे,-राधे राधे,
👏 �यशोदाकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �कदम्ब टेर पे, -राधे राधे,
👏 �सांच कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� श्री मानसी देवी,-राधे राधे,
👏 �मुक्ता कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �फुलवारी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏 �विलासवट पे,-राधे राधे,
👏� सारसीकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� श्याम पिपडी,-राधे राधे,
👏 �भजमन श्री राधे गोपाल,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल--
👏� भजमन श्री राधे गोपाल,
👏� भजमन श्री राधे गोपाल-- 
👏� आशीषश्वरमहादेव,-राधे राधे,
👏� आशीषश्वर वन मे,-राधे राधे,
👏 �चंद्रकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� कदम्ब खण्डिनी,-राधे राधे,
👏 �हिण्डोला वेदी,-राधे राधे,
👏� सुर्यकुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� पुर्णमासी कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� श्रीउद्धव क्यारी,-राधे राधे,
👏 �नंदपोखर,-राधे राधे,
👏� नंदसरोवर,-राधे राधे,
👏� नंदभवन मे,-राधे राधे,
👏 �पारलथाटी,-राधे राधे,
👏 �हाऊ विलाऊ,-राधे राधे,
👏 �हमारो धन राधा 
👏� श्री राधा श्री राधा श्री राधा-- 
👏� जीवन धन राधा राधा 
👏� राधा राधा राधा--
👏� हमारो धन राधा 
👏� श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
👏� कोकिलावन मे,-राधे राधे,
👏 �रत्नाकर कुण्ड पे,-राधे राधे,
👏� आजनौंक गांव मे,-राधे राधे,
👏 �बिजवारी गांव मे,-राधे राधे,
👏� श्री परसों गांव मे,-राधे राधे,
👏 �कामई गांव मे,-राधे राधे,
👏 �करतला गांव मे,-राधे राधे,
👏 �लुठौली गांव मे,-राधे राधे,
👏� सहार गांव मे,-राधे राधे,
👏� साखी गांव मे,-राधे राधे,
👏� छत्रवन मे,-राधे राधे,
👏� कोसी कलां मे,-राधे राधे,
👏 �रणवाडी गांव मे,-राधे राधे,
👏 �नरीसेमरी,-राधे राधे,
👏 �खादिरवन मे,-राधे राधे,
👏� खायरो गांव मे,--राधे राधे,
👏 �हमारो धन राधा 
👏� श्री राधा श्री राधा श्री राधा-- 
👏 �ब्रह्म घाट पे,-राधे राधे,
👏� कच्छवन मे,-राधे राधे,
👏� भुषणवन मे,-राधे राधे,
👏 �गुंजा वन मे,-राधे राधे,
👏 �विहार वन मे,-राधे राधे,
👏� अक्षय वट पे,-राधे राधे,
👏� तपोवन मे,-राधे राधे,
👏 �गोपी घाट पे,-राधे राधे,
👏 �चीर घाट पे,-राधे राधे,
👏� नंद घाट पे,-राधे राधे,
👏 �बसई गांव मे,-राधे राधे,
👏� कुनाई गांव मे,-राधे राधे,
👏 �पालहारा गांव मे,-राधे राधे,
👏 �जामुहा गांव मे---राधे राधे,
👏� श्री राधे राधे राधे 
👏� बरसाने वाली राधे--
👏 राधे राधे राधे 
👏� बरसाने वाली राधे --
👏 �बसौंती गांव मे,-राधे राधे,
👏 �तरौली गांव मे,-राधे राधे,
👏� बरौली गांव मे,-राधे राधे,
👏 �तमाल वन मे,-राधे राधे,
👏� आटस गांव मे,-राधे राधे,
👏� मगेरा गांव मे,-राधे राधे,
👏 �संगरोया गांव मे,-राधे राधे,
👏 �हाण्डीर वन मे,-राधे राधे,
👏� भद्रवन मे,-राधे राधे,
👏� भाण्डीरवन मे,-राधे राधे,
👏� वेणुकूप पे,-राधे राधे,
👏� श्री दामवट पे,-राधे राधे,
👏� श्याम तलैया,-राधे राधे,
👏 �वृंदावन का कण कण 
👏 बोले श्री राधा राधा--
👏� श्याम सुंदर की वंशी 
👏 बोले श्री राधा श्री राधा श्री राधा--
👏 �निधिवन जी मे बंदर बोले 
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏� माट वन मे,-राधे राधे,
👏� माट गांव मे,-राधे राधे,
👏� पानी गांव मे,-राधे राधे,
👏� मानसरोवर,-राधे राधे,
👏� बेलवन मे,-राधे राधे,
👏 �लौहवन मे,-राधे राधे,
👏� महावन मे,-राधे राधे,
👏� ब्रह्माण्ड घाट पे,-राधे राधे,
👏 �चिंताहरण घाट पे,-राधे राधे,
👏� श्री गोकुल जी मे,-राधे राधे,
👏� अक्रुर घाट पे,-राधे राधे,
👏� श्री रावल गांव मे,-राधे राधे,

👏 �वृंदावन का कण कण बोले
👏 श्री राधा श्री राधा श्री राधा --
👏� रसिक जनो की वाणी 
👏 बोले श्री राधा श्री राधा श्री राधा --


Pramod Krishna Shastri 
श्री धाम वृंदावन
Mbi..09453316276

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Զเधे Զเधे 
                                  
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सच्चे भक्त की पहचान क्या होती है पूरा प्रसंग पढ़े

जाबनेर ग्राम में एक संतसेवी भक्त श्री गोपाल जी रहते थे । भगवान् से भक्त को  इष्ट मानने की, सेवा करने की प्रतिज्ञा उन्होंने की थी और उसका पालन किया । श्री गोपाल जी के कुल मे एक सज्जन (काकाजी) विरक्त वैष्णव हो गए थे । उन्होने सन्तो के मुख से इनकी निष्ठा प्रशंसा सुनी कि श्री गोपाल जी भक्तोंको इष्टदेव मानते हैं । तब वे विरक्त संत श्री गोपाल भक्त की परीक्षा लेने के विचार से उनके द्वारपर आये । इन्हें आया देखकर श्री गोपाल भक्त जी ने झट आकर सप्रेम साष्टांग दण्डवत् प्रणाम किया कि -भगवन् ! अपने निज घर में पधारिये । 
उन्होने (परीक्षा की दृष्टि से ) उत्तर दिया कि – मेरी प्रतिज्ञा है कि मैं स्त्री का मुख न देखूंगा । तुम्हरे घर के भीतर जाकर मैं अपनी इस प्रतिज्ञा को कैसे छोड दूं?तब श्री गोपाल जी ने कहा -आप अपनी प्रतिज्ञा न छोडिये। परिवार की सभी स्त्रियां एक ओर अलग छिप जायेंगी । आपके सामने नहीं आयेगी । ऐसा कहकर घर के अंदर जाकर उन्होने सब स्त्रियो को अलग कमरे में छिपा दिया । तब इनको अंदर ले आये । घर की स्त्रियां भी संतो में बड़ी निष्ठा रखती थी  अतः इसी बीच सन्त दर्शन के भाव् से या कौतुकवश एक स्त्री ने बहार झाँककर संत जी को देखा, स्त्री की झांकते ही उन संत ने गोपाल भक्त के गालपर एक तमाचा मारा । श्री गोपालजी के  मन मे जरा सा भी कष्ट नहीं हुआ । 
श्री गोपाल जीे हाथ जोडकर बोले – महाराज जी ! आपने एक  कपोल(गाल ) को तमाचा प्रसाद दिया, वह तो कृतार्थ हो क्या ।  दूसरा आपके कृपाप्रसाद से वंचित रह गया । अत: उसे रोष हो रहा है, कृपा करके इस कपोलपर भी तमाचा  मारकर इसे भी कृतार्थ कर दीजिये । प्रियवाणी सुनकर उन वैष्णव संत के नेत्रो मे आसू भर आये । वह श्रीगोपाल जी के चरणो मे लिपट गए क्या और बोले – आपकी सन्तनिष्ठा अलौकिक है । मैने आकर आपकी परीक्षा ली । आज मुझे आपसे बहुत बडी यह शिक्षा मिली कि भक्त को अति सहनशील होना चाहिये तथा भगवान् के भक्त को भगवान् से भी बढकर मानना चाहिये । 
     भागवत कथा प्रवक्ता
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
  सम्पर्क 09453316276

कंठी माला क्यों पहनते हैं ??-Why wear worn garlands??

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
!!कंठी माला क्यों ??
ISKCON में  भक्त गले में तुलसी की कंठी माला क्यों पहनते है ? क्या शास्त्रों में कही कंठी माला पहनने के लिए वर्णन है? क्या केवल दीक्षित भक्त ही कंठी माला पहन सकते है या कोई भी कंठी माला पहन सकता है ?

शास्त्रों में कई जगह आप पढ़ सकते है की जो लोग अध्यात्मिक उन्नति करना चाहते है उन्हें कंठी माला पहननी चाहिए l पद्म पुराण में कहा गया है – जो लोग तुलसी की कंठी माला पहनते है और अपने शारीर पर १२ स्थानों पर चन्दन का तिलक करते है वे भगवान विष्णु (कृष्ण) के उपासक होते है और वैष्णव कहलाते है l उनकी उपस्थिति से सारा ब्रम्हांड शुध्ह होता है और अपनी उपस्थिति से ऐसे  भक्त किसी भी स्थान को वैकुण्ठ की तरह शुभ बना सकते है l “

स्कन्द पुराण में भी कहा गया है – “ जो लोग गोपी चन्दन से अपने ललाट और शरीर  को भूषित करते है और गले में कंठी तुलसी माला धारण करते है उन्हें यमराज के दूत छु भी नहीं पाते l”

श्रीमद भागवतम  में अजामिल के प्रसंग में अपने पढ़ा ही होगा की यमराज अपने दूतो से कहते है की – “मेरे दूतो तुम मेरे पुत्रो के सामान हो और मै  तुम्हे यह समझl देना चाहता हु की तुम  लोग कभी किसी वैष्णव को लेने पृथ्वी लोक मत जानाl वे भगवान के भक्त है और म्रत्यु के उपरांत उन पर हमारा कोई हक़ नहीं बनता l “

कंठी माला सभी धारण नहीं कर सकते केवेल वे भक्त जो चार नियमो का पालन करते है वे ही कंठी माला धारण कर सकते है l चार नियम है – १) मांसाहार न करना २) किसी भी प्रकार का नशा  न करना ३) जुआ न खेलना ४) अवैध स्त्री / पुरुष गमन न करना l

यदि आप इन ४ नियमो का पालन करते है और १६ या कुछ  माला हरे कृष्ण महा मन्त्र का जप करते है  तो आप कंठी माला पहन सकते हैl कंठी माला पहनने के लिए दीक्षा लेने की, गुरु स्वीकार करने की  जरुरत नहीं है l

जो दीक्षित भक्त है उन्हें ३ घेरो में कंठी माला पहनना चाहिए किन्तु जिनकी दीक्षा नहीं हुई है वे एक या दो घेरे की कंठी माला पहन सकते है ऐसा श्रील प्रभुपाद कहते थे l

हमारा पहनावा हमारी  सोच को प्रभावित करता है इसलिए यदि आप कंठी माला पहनते है और जहा संभव हो वहा तिलक धारण करते है तो इस प्रकार आप स्वयं को दुसरो के समक्ष भक्त के रूप में प्रस्तुत करेंगे इसप्रकार भक्ति दृढ होगी और निषिद्ध कर्म नहीं होंगे  l  आशा है आप इस जानकारी से भक्ति लाभ अर्जित करेंगे
हमेशा हरे कृष्ण महामंत्र जपते रहो
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

भागवत कथा प्रवक्ता
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
  श्री धाम वृंदावन
संपर्क 09453316276

Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Ram Hare Rama Ram Ram Hare Hare

!!Why do you wear a worm???

In the ISKCON, why do the devotees wear tulsi necklaces in the neck? Is there a description for wearing worn garland in the scriptures? Can only Dikshit devotee wear ornamental garland or can any worn garland be worn?

In many places in the scriptures you can read that those who want to progress in spiritual growth should wear garland in ladders. It is said in Padma Purana - Those who wear basil necklaces and sandalwood in 12 places on their body Lord is worshiped by Lord Vishnu (Krishna) and called Vaishnava. His presence is the whole universe, and by his presence, such a devotee wanders to any place The living can make good l "

It has been said in the Skanda Purana - "Those people who worship their front and body from Gopi Chandan and they wear bald garlands in their necks, they do not touch the Messenger of Yama."

In the context of Ajamil in Srimad Bhagavatam, he must have read that Yama Raj has told his deity that "My messengers are like my sons, and I want you to understand that you people should never take any Vaishnava to become the world people." We are devotees of God and we do not have any right over them after death. "

The necklace can not be worn at all. The devotees who adhere to the four rules can wear garland only. There are four rules: 1) Do not eat meat. 2) Do not use any kind of addiction. 3) Not playing gambling 4 ) Do not trace illegal women / men.

If you follow these 4 rules and chant 16 or some of the beats of Lord Krishna, then you can wear ornamental garlands. To wear the necklace, take the initiation, do not need to accept the Guru.

Those who are Dikshit devotees should wear gilded beads in 3 surrounds, but those who have not been initiated, they can wear garland of one or two rounds, such as Shree Prabhupada.

Our dress affects our thinking. Therefore, if you wear worn garb and wear tilk wherever possible, in this way you will present yourself as a devotee in front of others. This way, devotion will be strengthened and there will be no prohibited actions. You will earn devotional benefits from this information


Always keep hare Krishna mahamantra
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Ram Hare Rama Ram Ram Hare Hare

कृष्ण प्रेम विरह

" कैसे मिलन हो तेरा मोहन जरा बतादे ,
           तेरी इक झलक को प्यारे नज़रें तरस रहीं हैं ,
  सावन की बदरी जैसे अँखियाँ बरस रहीं हैं  ,
           कहीं बन ना जाये सागर पल पल टपक टपक के 
                     यह दिलदार सांवरिया
    भागवत कथा प्रवक्ता 
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
   संपर्क08737866555

सोमवार, 29 जनवरी 2018

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 
PRAMOD KRISHNA SHASTRI 

श्री वृंदावन धाम बांके बिहारी जी महाराज का सुंदर प्रसंग

बहुत समय पहले की बात है वृन्दावन में
श्रीबांके
बिहारी जी के मंदिर में रोज
पुजारी जी बड़े भाव से सेवा
करते थे। वे रोज बिहारी जी की
आरती करते , भोग
लगाते और उन्हें शयन कराते और रोज चार लड्डू
भगवान के बिस्तर के पास रख देते थे। उनका यह भाव
था कि बिहारी जी को यदि रात में भूख
लगेगी तो वे उठ
कर खा लेंगे। और जब वे सुबह मंदिर के पट खोलते थे
तो भगवान के बिस्तर पर प्रसाद बिखरा मिलता था।
इसी भाव से वे रोज ऐसा करते थे।
एक दिन बिहारी जी को शयन कराने के बाद
वे चार
लड्डू रखना भूल गए। उन्होंने पट बंद किए और चले
गए। रात में करीब एक-दो बजे , जिस दुकान से वे
बूंदी
के लड्डू आते थे , उन बाबा की दुकान
खुली थी। वे घर
जाने ही वाले थे तभी एक छोटा सा बालक
आया और
बोला बाबा मुझे बूंदी के लड्डू चाहिए।
बाबा ने कहा - लाला लड्डू तो सारे ख़त्म हो गए। अब
तो मैं दुकान बंद करने जा रहा हूँ। वह बोला आप अंदर
जाकर देखो आपके पास चार लड्डू रखे हैं। उसके हठ
करने पर बाबा ने अंदर जाकर देखा तो उन्हें चार लड्डू
मिल गए क्यों कि वे आज मंदिर नहीं गए थे। बाबा ने
कहा - पैसे दो।
बालक ने कहा - मेरे पास पैसे तो नहीं हैं और तुरंत
अपने हाथ से सोने का कंगन उतारा और बाबा को देने
लगे। तो बाबा ने कहा - लाला पैसे नहीं हैं तो रहने दो
,
कल अपने बाबा से कह देना , मैं उनसे ले लूँगा। पर वह
बालक नहीं माना और कंगन दुकान में फैंक कर भाग
गया। सुबह जब पुजारी जी ने पट खोला तो
उन्होंने देखा
कि बिहारी जी के हाथ में कंगन
नहीं है। यदि चोर भी
चुराता तो केवल कंगन ही क्यों चुराता। थोड़ी
देर बाद
ये बात सारे मंदिर में फ़ैल गई।
जब उस दुकान वाले को पता चला तो उसे रात की बात
याद आई। उसने अपनी दुकान में कंगन ढूंढा और
पुजारी
जी को दिखाया और सारी बात सुनाई। तब
पुजारी जी
को याद आया कि रात में , मैं लड्डू रखना ही भूल गया
था। इसलिए बिहारी जी स्वयं लड्डू लेने
गए थे।
🌿यदि भक्ति में भक्त कोई सेवा भूल भी जाता है तो
भगवान अपनी तरफ से पूरा कर लेते हैं।
शुभ-दिवस
राधे-राधे.
मांगी थी इक कली उतार कर
हार दे दिया
चाही थी एक धुन अपना सितार दे दिया
झोली बहुत ही छोटी
थी मेरी "कृष्णा"
तुमने तो कन्हैया हंस कर सारा संसार दे दिया
"""""""जय जय श्री राधे 🙏🏼.....🙏🌹🙏 गीता चौधरी🙏🌹🙏
""भागवत कथा प्रवक्ता""
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
   श्री धाम वृंदावन
संपर्क09453316276

रविवार, 28 जनवरी 2018

श्री बांके बिहारी जी के पाकिस्तानी भक्त की कथा एक बार जरूर पढें!! Surely read the story of the Pakistani devotee of Shri Banke Bihari ji

एक व्यक्ति पाकिस्तान से एक लाख रुपये का रूहानी इत्र लेकर आये थे। क्योंकि उन्होंने संत श्री हरिदास जी महाराज औरबांके बिहारी के बारे में सुना हुआ था। उनके मन में आये की मैं बिहारी जी को ये इत्र भेंट करूँ। इस इत्र की खासियत ये होती है की अगर बोतल को उल्टा कर देंगे तो भी इत्र धीरे धीरे गिरेगा और इसकी खुशबु लाजवाब होती है।

ये व्यक्ति वृन्दावन पहुंचा। उस समय संत जी एक भाव में डूबे हुए थे। संत देखते है की राधा-कृष्ण दोनों होली खेल रहे हैं। जब उस व्यक्ति ने देखा की ये तो ध्यान में हैं तो उसने वह इत्र की शीशी उनके पास में रख दी और पास में बैठकर संत की समाधी खुलने का इंतजार करने लगा।
तभी संत देखते हैं की राधा जी और कृष्ण जी एक दूसरे पर रंग डाल रहे हैं। पहले कृष्ण जी ने रंग से भरी पिचकारी राधा जी के ऊपर मारी। और राधा रानी सर से लेकर पैर तक रंग में रंग गई। अब जब राधा जी रंग डालने लगी तो उनकी कमोरी(छोटा घड़ा) खाली थी।

संत को लगा की राधा जी तो रंग डाल ही नहीं पा रही है क्योंकि उनका रंग खत्म हो गया है। तभी संत ने तुरंत वह इत्र की शीशी खोली और राधा जी की कमोरी में डाल दी और तुरंत राधा जी ने कृष्ण जी पर रंग डाल दिया। हरिदास जी ने सांसारिक दृष्टि में वो इत्र भले ही रेत में  डाला। लेकिन आध्यात्मिक दृष्टि में वो राधा रानी की कमोरी में डाला।


उस भक्त ने देखा की इन संत ने सारा इत्र जमीं पर गिरा दिया। उसने सोचा में इतने दूर से इतना महंगा इत्र लेकर आया था पर इन्होंने तो इसे बिना देखे ही सारा का सारा रेत में गिरा दिया। मैंने तो इन संत के बारे में बहुत कुछ सुना था। लेकिन इन्होने मेरे इतने महंगे इत्र को मिट्टी में मिला दिया।

वह कुछ भी ना बोल सका। थोड़ी देर बाद संत ने आंखे खोली उस व्यक्ति ने संत को अनमने मन से प्रणाम किया।

अब वो व्यक्ति जाने लगा। तभी संत ने कहा,”आप अंदर जाकर बिहारी जी के दर्शन कर आएं।”

उस व्यक्ति ने सोचा की अब दर्शन करे या ना करें क्या लाभ। इन संत के बारे में जितना सुना था सब उसका उल्टा ही पाया है। फिर भी चलो चलते समय दर्शन कर लेता हूँ। क्या पता अब कभी आना हो या ना हो।

ऐसा सोचकर वह व्यक्ति बांके बिहारी के मंदिर में अंदर गया तो क्या देखता है की सारे मंदिर में वही इत्र महक रहा है और जब उसने बिहारी जी को देखा तो उसे बड़ा आश्चर्य हुआ बिहारी जी सिर से लेकर पैर तक इत्र में नहाए हुए थे।

उसकी आंखों से प्रेम के आंसू बहने लगे और वह सारी लीला समझ गया तुरंत बाहर आकर संत के चरणों मे गिर पड़ा और उन्हें बार-बार प्रणाम करने लगा। और कहता है संत जी मुझे माफ़ कर दीजिये। मैंने आप पर अविश्वास दिखाया। संत ने उसे माफ़ कर दिया और कहा की भैया तुम भगवान को भी सांसारिक दृष्टि से देखते हो लेकिन मैं संसार को भी आध्यात्मिक दृष्टि से देखता हूँ
बोलिए बांके बिहारी लाल की जय! 
बोलिए श्री राधा गोविन्द की जय ! 
""राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता""
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
श्री धाम वृंदावन मथुरा उत्तर प्रदेश
     संपर्क  9453316276
PRAMOD KRISHNA SHASTRI 


One person came from Pakistan with a perfume worth Rs one lakh. Because he had heard about Saint Shree Haridas ji Maharaj and Babeke Bihari. I came to her mind that I would offer this perfume to Bihari ji. The specialty of this perfume is that if the bottle is reversed, then the perfume will fall slowly and its fragrance is exquisite.




This person reached Vrindavan. At that time the saint was immersed in a sense. Saints see that both Radha and Krishna are playing Holi. When the person saw that he was in meditation, he kept the perfume bottle in his possession and sat near him and waited for the opening of the Samadhi of the Saint.

Only then do the saints see that Radha ji and Krishna ji are putting colors on each other. First Krishna ji filled the colorful Pichakhi on Radha ji. And Radha Rani fell in color from head to toe. Now, when Radha began to paint, her kamani (small pitcher) was empty.


The saint felt that Radha could not even put the color because his color is finished. Then the saint immediately opened the bottle of perfume and put it in the lattice of Radha and immediately Radha ji put color on Krishna ji. Haridas ji in worldly terms, even if the perfume is put in the sand. But in spiritual terms he put in the shadow of Radha Rani.





The devotee saw that the saint dropped all the perfume on the ground. He had brought so much expensive perfume from so far in the thought but they all slipped all the sands into the sand without seeing it. I had heard a lot about these saints. But they mixed my such expensive perfume into the soil.


He could not say anything. After a while, the saint opened his eyes and prayed with a kind heart.


Now that person started to go Then the saint said, "You should go in and see Bihari ji."


The person thought that to see whether or not now what benefits All of what he had heard about this saint was found in the opposite. Even then, I go to see him while walking. Do not know whether or not now?


Thinking that the person went inside the temple of Banke Bihari, then what is the same perfume that is seen in all the temples and when he saw Bihari ji, he was surprised that Bihari ji was bathing in perfume from head to foot.


Tears of love began to flow with his eyes and he understood all the leela immediately came out and fell at the feet of the saint and began to bow down to him repeatedly. And say, sir, forgive me. I showed disbelief on you. The sage forgave him and said that brother you see God in a worldly way but I see the world spiritually

Talk of Baka Bihari Lal Ki Jai!

Speak of Shri Radha Govind's Glory!

"" National Bhagwat Story Spokesman "

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj

Shri Dham Vrindavan Mathura Uttar Pradesh

Contact 9453316276

आज का सुविचारToday's wise thought


🍒 अपने धर्म में चार पुरुषार्थ माने गये हैं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। पहला पुरुषार्थ धर्म है और अंतिम मोक्ष है। बीच में अर्थ और काम को रखा गया है।
  
🍒 अर्थ और काम, ये दोनों धर्म की मर्यादा में रहकर प्राप्त करने और भोगने चाहिये। धर्मानुकूल अर्थ को प्राप्त करो और धर्मानुकूल काम का सेवन करो। मनुष्य जीवन में धर्म और मोक्ष प्रधान हैं। अर्थ और काम गौण हैं। 

🍒 कदाचित पैसे का नाश हो तो होने दो, परंतु धर्म को मत छोड़ो। धर्म का पालन करोगे तो ही कल्याण होगा। धर्म के लिए प्राण देने वाला मरता नहीं, अमर हो जाता है। जटायु जी ने भी धर्म के लिए प्राणों का बलिदान किया था।
""राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता ""
  प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
श्री धाम वृंदावन मथुरा  उत्तर प्रदेश 
सम्पर्क  09453316276 08737866555

शनिवार, 27 जनवरी 2018

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri
 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri Ji Maharaj 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri  ji Maharaj 

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj 

भगवान द्वारा भक्तों का महत्व एक बार जरूर पढ़ें The importance of the devotee to God

एक बार की बात है महाभारत के युद्ध के बाद भगवान
श्री कृष्ण और अर्जुन द्वारिका गये पर इस बार रथ
अर्जुन चलाकर के ले गये। द्वारिका पहुँचकर अर्जुन बहुत
थक गये इसलिए विश्राम करने के लिए अतिथि भवन में
चले गये।शाम के समय रूक्मनी जी ने कृष्ण को भोजन
परोसा तो कृष्ण बोले घर में अतिथि आये हुए है हम उनके
बिना भोजन कैसे कर ले।रूक्मनी जी ने कहा भगवन आप
आरंभ करिये मैं अर्जुन को बुलाकर लाती हूँ ।
जैसे ही रूक्मनी जी वहाँ पहुँची तो उन्होंने देखा कि अर्जुन
सोये हुए हैं और उनके रोम रोम से कृष्ण नाम की ध्वनि
प्रस्फुटित हो रही है तो ये जगाना तो भूल गयीं और मन्द मन्द
स्वर में ताली बजाने लगी । इधर नारद जी ने कृष्ण से कहा
भगवान भोग ठण्डा हो रहा है कृष्ण बोले अतिथि के बिना
हम नहीं करेंगे। नारद जी बोले मैं बुलाकर लाता हूँ नारद जी
ने वहां का नजारा देखा तो ये भी जगाना भूल गये और इन्होंने
वीणा बजाना शुरू कर दिया । इधर सत्यभामा जी बोली प्रभु
भोग ठण्डा हो रहा है आप प्रारंभ तो करिये । भगवान बोले
हम अतिथि के बिना नहीं कर सकते । सत्यभामा जी बोलीं मैं
बुलाकर लाती हूँ । ये वहाँ पहुँची तो इन्होंने देखा कि अर्जुन
सोये हुए हैं और उनका रोम रोम कृष्ण नाम का कीर्तन कर
रहा है और रूक्मनी जी ताली बजा रही हैं नारद जी वीणा
बजा रहे हैं तो ये भी जगाना भूल गयीं और इन्होंने नाचना
शुरू कर दिया । इधर भगवान बोले सब बोल के जाते हैं
भोग ठण्डा हो रहा है पर हमारी चिन्ता किसी को नहीं है
चलकर देखता हूँ वहाँ ऐसा क्या हो रहा है जो सब हमको
ही भूल गये। प्रभु ने वहाँ जाकर के देखा तो वहाँ तो स्वर
लहरी चल रही है । अर्जुन सोते सोते कीर्तन कर रहे हैं,
रूक्मनी जी ताली बजा रही हैं, नारद जी वीणा बजा रहे हैं,
और सत्यभामा जी नृत्य कर रही हैं । ये देखकर भगवान के
नेत्र सजल हो गये और मेरे प्रभु ने अर्जुन के चरण दबाना
शुरू कर दिया । जैसे ही प्रभु के नेत्रों से प्रेमा श्रुओ की बूँदें
अर्जुन के चरणों पर पड़ी तो अर्जून छटपटा के उठे और बोले प्रभु ये क्या हो रहा है । भगवान बोले, अर्जुन तुमने मुझे रोम
रोम में बसा रखा है इसीलिए तो तुम मुझे सबसे अधिक प्रिय
हो और गोविन्द ने अर्जून को गले से लगा लिया।।।
लीलाधारी तेरी लीला है अपार
भक्त भी तू
भगवान भी तू
करने वाला भी तू
कराने वाला भी तू
बोलिये भक्त और भगवान की जय।। 
    !!भागवत कथा प्रवक्ता!!
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
श्री धाम वृंदावन मथुरा उत्तर प्रदेश
09453316276 08737866555



Once upon a time the Lord of the Mahabharata war

Shri Krishna and Arjun went to Dwarka but this time the chariot

Arjun took away by running. Arjuna is very accessible by reaching Dwarka

Tired, therefore, in the guest house for rest

Rukmani ji got food for Krishna at the time of Ashram.

We have come to the house of Krishna Bole, we have come to visit him.

How can you do without food? Rukmani ji said God

Get started I will call Arjuna and bring it.

As soon as Rukmani reached there, he saw Arjun

The sound of Krishna is asleep and his romance from Rome

If it is getting erupted then it has forgotten to wake up

Tone began to clap. Here Narad ji told Krishna

Lord Bhagwan is getting cold, Krishna says without a guest

We will not. Narada ji, I bring you Narada ji

Seeing the sight of this, they also forgot to wake up and they

The Veena started playing. Here satyabham ji biba prabhu

The pleasure is getting cold and you get started. Say god

We can not do without the guest I am speaking truth

I'll call them. He reached there and saw that Arjuna

He has slept and his romance is named Krishna Kirtan

And Rukmani ji is playing Tali Narada Ji Veena

If you are playing, then forget to wake up and dance

Started . Here God speaks all the words

The feeling is cold but no one cares about us

Let's go and see what is happening there, all of us

Only forgot When the Lord went there and saw it there,

The waves are running. Arjun is sleeping kirtan,

Rukmani Ji is playing Tali, Narada ji is playing Veena,

And Satyabhama ji is dancing. Seeing God

The eye became enlightened and my lord pressed the phase of Arjuna

Started . As soon as the drops of Premya Shrewa from Lord's eyes

Arjun was lying at the feet and Arjuna got upset and said, "Lord, what is this happening?" God says, Arjun, you have me in Rome

You have settled in Rome so that you are the most beloved

Ho and Govind threw Arjuna ...

Leeladhi Teri Leela is immense

You are also devote

God you too

Will you also

Are you too

Speak to the devotee and Lord of Jay ..

!! Bhagwat Story Spokesperson !!

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj

Shri Dham Vrindavan Mathura Uttar Pradesh

09453316276 08737866555

शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

Pramod Krishna Shastri

Pramod Krishna Shastri 

माघ माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि 31 जनवरी 2018 पढ़ने वाला "चंद्रग्रहण" किस राशि पर क्या फल देगा जानें???

माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को साल 2018 का पहला ग्रहण है. 31 जनवरी को पड़ने वाला यह खग्रास  चंद्रग्रहण होगा जो पुरे भारतभर में दिखाई देगा. चंद्रमा का उदय ग्रहण लगे हुए ही होगा व ग्रहण का मध्य और मोक्ष पुरे भारत में दिखाई देगा. भारतीय समय के अनुसार चन्द्रग्रहण का स्पर्श शाम 05:18 को, ग्रहण का मध्य 07:00 बजे और मोक्ष रात 08:42 बजे होगा.

आपको बता दें कि ग्रहण का सूतक सुबह 08:34 पर ग्रहण से 9 घंटे पहले ही लग जाएगा. पुरे चंद्रग्रहण की अवधि तीन घंटे 24 मिनट होगी, इसका अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव रहेगा. चंद्रग्रहण का आपकी राशी पर क्या प्रभाव रहेगा, आईये जानते हैं-

 "राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता"
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
श्री धाम वृंदावन मथुरा उत्तर प्रदेश
संपर्क करें  9453316276


मेष राशी: इस राशी वाले व्यक्तियों के लिए ग्रहण अशुभ रहेगा. मेष राशी वालों के लिए मानसिक शांति और कष्ट निवारण के लिए ग्रहण के दौरान निरंतर मन्त्र जाप और ग्रहण के मोक्ष पर दान करने श्रेयकर है.

वृष राशी: इस राशी के स्वामियों के लिए ग्रहण अनुकूल फल देने वाला साबित होगा. वृष राशी वालों के लिए अनायास ही धन लाभ के संकेत है. ग्रहण के मोक्षोपरान्त स्वर्ण या तुला दान देने से सितारे प्रबल होंगे और हर प्रकार से कार्यसिद्धि होगी.

मिथुन राशी: इस राशी के जातकों के लिए यह चंद्रग्रहण अशुभफलदायक होगा. पारिवारिक कलह से बचने के लिए कृपया खुद को शांत रखने का प्रयास करें. किसी नए कारोबार में अपना धन निवेश करने से पहले अछि तरह सोच विचार करें वरना नुकसान की सम्भावना है.

कर्क राशी: इस चंद्रग्रहण को कर्क राशी वाले सफ़र करने से बचें, आपकी असावधानी आपको मुसीबत में दाल सकती है. पुरे ग्रहण कल के दौरान मंत्रोच्चारण करें व ग्रहण मोक्ष के उपरांत हवन करना और गौदान करना हितकारी होगा.

सिंह राशी: अचानक ही खर्च में वृद्धि के संकेत है. संतान की तरफ से खुशखबरी मिलेगी. बेकार के वाद-विवाद से बचें. ग्रहण कल के दौरान पूजा-पाठ और बाद में हवन करना श्रेयकर रहेगा.

कन्या राशी: इस राशी के जातकों के लिए इस चंद्रग्रहण पर शुभ योग बन रहें है. पुराना रुका हुआ धन मिल सकता है. कारोबारी मुश्किलें दूर होगी, राजनितिक फायदा मिलने की सम्भावना है. सूतक काल से पहले ही किसी काली गाय को अपने हाथों से गुड़ व चारा खिलाएँ, उन्नति के सारे द्वार खुल जायेंगे.


तुला राशी: तुला राशी के स्वामियों के लिए इस ग्रहण पर सुख-समृद्धि में बढौतरी की सम्भावना है. बिज़नस के नए आयाम स्थापित होंगे जो भविष्य में प्रतिष्ठा के साथ राजनितिक संबंधों में भी प्रगाढ़ता लायेंगे. इस दिन अपने से बड़ों से वाद-विवाद ना ही करें तो बेहतर होगा, बुजुर्गों की दुआ आपके व्यक्तित्व में चार चाँद लगा देगी.

वृश्चिक राशि: इस राशी वालों के लिए यह चंद्रग्रहण अशुभ रहेगा. कर्जे की वजह से मानहानि या मुकदमे में धनहानि के योग बन रहे हैं. पत्नी पक्ष की तरफ से कलह हो सकती है यथासंभव बचें. ग्रहण के दौरान स्नान करने से बचें, किसी भी देवी देवता की मूर्ति को ना ही छुएँ ना ही दर्शन करें.


धनु राशी: स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी हो सकती है. ग्रहण काल के दौरान विशेष सावधानी बरतें. सूटक के बाद से कोई भी शुभ कार्य ना करें. ग्रहण की समाप्ति पर किसी नदी या नहर या फिर किसी जलाशय के पास जा कर शिव जी की स्तुति करें और यथासंभव गरीबों को दान दें.

मकर राशी: इस ग्रहण पर मकर राशी वालों के दाम्पत्य जीवन में कड़वाहट के संकेत बन रहे हैं. अदालती अडचनें आ सकती है, जौ का दान करें व अपने नजदीकी किसी गौशाला में जाकर गायों को गुड़ खिलाएं. (ग्रहण के बाद या सूतक के पहले)



कुम्भ राशी: इस चंद्रग्रहण पर कुम्भ राशी वालों के लिए बहुत ही शुभ संकेत बन रहे हैं. कुम्भ राशी वालों को इस दौरान हर प्रकार के काम में सफलता मिलगी, व्यवसाय वृद्धि होगी व मुकदमे में जीत के आसार हैं. विरोधियों को मुंह की खानी पड़ेगी तथा खेल प्रतियोगिता में वर्चस्व कायम करेंगे. गर्भवती स्त्रियों को घर के अन्दर रहने की सलाह दी जाती है. इस दिन किसी भी प्रकार से काटने का काम न करें अर्थात कैंची या किसी भी काटने वाले औज़ार से कुछ भी काटने से परहेज़ करें.

मीन राशी: 31 जनवरी का खग्रास चंद्रग्रहण मीन राशी वालों के लिए अशुभ होने वाला है. संतान और व्यवसाय की तरफ से परेशानियां मिलेंगी. कोई अपना आपसे दगा कर सकता है अत: सावधानी रखें. धारदार औज़ार से चोट लगने का भय है. बिना सोचे समझे धन का निवेश भविष्य में चिंता का कारन बनेगा. ग्रहण काल के दौरान चंद्रमा की छाया पड़ने से बचें !
उस समय
 !!ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः!!
 मंत्र का जाप करें"

The full moon of the Shukla party of Magh month is the first assumption of year 2018. This Khadra lunar eclipse, which will occur on January 31, will be visible throughout India. The emergence of the moon will be eclipsed and the central and salvation of eclipse will be visible throughout India. According to Indian time, the moon lunar eclipse will be in the evening at 05:18, the eclipse will be at 07:00 and the salvation at 8:42 pm.


Let me tell you that eclipse will take place 9 hours before eclipse at 08:34. The duration of the entire lunar eclipse will be three hours and 24 minutes, it will have different effects on different amounts. What effect will the lunar eclipse have on your zodiac sign, come know


"National Bhagwat Story spokesman"

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj

Shri Dham Vrindavan Mathura Uttar Pradesh

Contact 9453316276



Aries: Eclipse will be inauspicious for people with this amount. During the eclipse for mental peace and suffering for the Aries people, credit is constantly contributing to the donation of Mantra and the salvation of eclipse.


Taurus: An eclipse will prove to be beneficial for the owners of this amount. For the Taurus, unintended money is an indication of profit. By donating gold or bent on behalf of eclipse, the stars will prevail and work will be done in every way.


Gemini Rashi: This lunar eclipse will be ineffective for the people of this species. To avoid family strife, please try to keep yourself calm. Before investing your money in a new business, think well, otherwise there is a possibility of loss.


Cancer: This lunar eclipse should avoid traveling with a cancerous amount, your absurdity can cause you trouble. Mantra during the entire eclipse tomorrow and after the eclipse liberation, making havana and giving gifts will be beneficial.


Leo: Suddenly there is an indication of the increase in the expenditure. Good news from the offspring will get Avoid the debacle of useless During the eclipse tomorrow, worshiping and subsequent havan will be creditworthy.


Virgo: The auspicious yoga is being created on this lunar eclipse for the people of this zodiac. Old paused money can be found. Business difficulties will be overcome, there is a possibility of getting a political advantage. Before feeding time, feed some black cow with jaggery and fodder with his hands, all doors of progress will be opened.



Libra: There is the possibility of increasing the happiness and prosperity on this eclipse for the owners of Libra. The new dimensions of business will be established which will further strengthen the political relationship with the reputation in the future. It will be better if you do not argue with your elders on this day, the dua of the elderly will put four moons in your personality.


Scorpio amount: This lunar eclipse will be inauspicious for those people. Due to debt, defamation is becoming the cause of defamation or prosecution. There can be conflict on the side of the wife side as much as possible. Avoid bathing during the eclipse, do not touch the statue of any Devi Deity nor see it.



Sagittal amount: Health related problems can occur. Take special precautions during the eclipse period. Do not perform any auspicious work since discontinuance. At the end of the eclipse, go to any river or canal or some reservoir, praise Shiva and donate to the poor as much as possible.


Capricorn: On the eclipse, there are signs of bitterness in the life of the peers of Capricorn. There may be court cases, donate barley, and go to some nearby cows and feed the cows to the jaggery. (Before eclipse or before yarn)




Aquarius: These lunar eclipse are becoming auspicious signs for the Aquarius people. The Aquarius people will be successful in all kinds of work during this period, the business will grow and there is hope of victory in the trial. Opponents will face a lot and will dominate the sports competition. Pregnant women are advised to stay in the house. Do not do any bite work on this day, ie avoid cutting anything with a scissor or any biting tool.


Pisces: January 31 is going to be inauspicious for the lunar eclipse people. There will be problems from children and business side. Someone can betray you, so be careful. There is a fear of injury to the sharp tool. Without a thought, investing money will cause a concern in the future. Avoid the shadow of the moon during the eclipse period!

that time

Namo Bhagwate Vasudev Namah !!

Chant mantra "