मंगलवार, 30 जनवरी 2018

कंठी माला क्यों पहनते हैं ??-Why wear worn garlands??

हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे
!!कंठी माला क्यों ??
ISKCON में  भक्त गले में तुलसी की कंठी माला क्यों पहनते है ? क्या शास्त्रों में कही कंठी माला पहनने के लिए वर्णन है? क्या केवल दीक्षित भक्त ही कंठी माला पहन सकते है या कोई भी कंठी माला पहन सकता है ?

शास्त्रों में कई जगह आप पढ़ सकते है की जो लोग अध्यात्मिक उन्नति करना चाहते है उन्हें कंठी माला पहननी चाहिए l पद्म पुराण में कहा गया है – जो लोग तुलसी की कंठी माला पहनते है और अपने शारीर पर १२ स्थानों पर चन्दन का तिलक करते है वे भगवान विष्णु (कृष्ण) के उपासक होते है और वैष्णव कहलाते है l उनकी उपस्थिति से सारा ब्रम्हांड शुध्ह होता है और अपनी उपस्थिति से ऐसे  भक्त किसी भी स्थान को वैकुण्ठ की तरह शुभ बना सकते है l “

स्कन्द पुराण में भी कहा गया है – “ जो लोग गोपी चन्दन से अपने ललाट और शरीर  को भूषित करते है और गले में कंठी तुलसी माला धारण करते है उन्हें यमराज के दूत छु भी नहीं पाते l”

श्रीमद भागवतम  में अजामिल के प्रसंग में अपने पढ़ा ही होगा की यमराज अपने दूतो से कहते है की – “मेरे दूतो तुम मेरे पुत्रो के सामान हो और मै  तुम्हे यह समझl देना चाहता हु की तुम  लोग कभी किसी वैष्णव को लेने पृथ्वी लोक मत जानाl वे भगवान के भक्त है और म्रत्यु के उपरांत उन पर हमारा कोई हक़ नहीं बनता l “

कंठी माला सभी धारण नहीं कर सकते केवेल वे भक्त जो चार नियमो का पालन करते है वे ही कंठी माला धारण कर सकते है l चार नियम है – १) मांसाहार न करना २) किसी भी प्रकार का नशा  न करना ३) जुआ न खेलना ४) अवैध स्त्री / पुरुष गमन न करना l

यदि आप इन ४ नियमो का पालन करते है और १६ या कुछ  माला हरे कृष्ण महा मन्त्र का जप करते है  तो आप कंठी माला पहन सकते हैl कंठी माला पहनने के लिए दीक्षा लेने की, गुरु स्वीकार करने की  जरुरत नहीं है l

जो दीक्षित भक्त है उन्हें ३ घेरो में कंठी माला पहनना चाहिए किन्तु जिनकी दीक्षा नहीं हुई है वे एक या दो घेरे की कंठी माला पहन सकते है ऐसा श्रील प्रभुपाद कहते थे l

हमारा पहनावा हमारी  सोच को प्रभावित करता है इसलिए यदि आप कंठी माला पहनते है और जहा संभव हो वहा तिलक धारण करते है तो इस प्रकार आप स्वयं को दुसरो के समक्ष भक्त के रूप में प्रस्तुत करेंगे इसप्रकार भक्ति दृढ होगी और निषिद्ध कर्म नहीं होंगे  l  आशा है आप इस जानकारी से भक्ति लाभ अर्जित करेंगे
हमेशा हरे कृष्ण महामंत्र जपते रहो
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे

भागवत कथा प्रवक्ता
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
  श्री धाम वृंदावन
संपर्क 09453316276

Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Ram Hare Rama Ram Ram Hare Hare

!!Why do you wear a worm???

In the ISKCON, why do the devotees wear tulsi necklaces in the neck? Is there a description for wearing worn garland in the scriptures? Can only Dikshit devotee wear ornamental garland or can any worn garland be worn?

In many places in the scriptures you can read that those who want to progress in spiritual growth should wear garland in ladders. It is said in Padma Purana - Those who wear basil necklaces and sandalwood in 12 places on their body Lord is worshiped by Lord Vishnu (Krishna) and called Vaishnava. His presence is the whole universe, and by his presence, such a devotee wanders to any place The living can make good l "

It has been said in the Skanda Purana - "Those people who worship their front and body from Gopi Chandan and they wear bald garlands in their necks, they do not touch the Messenger of Yama."

In the context of Ajamil in Srimad Bhagavatam, he must have read that Yama Raj has told his deity that "My messengers are like my sons, and I want you to understand that you people should never take any Vaishnava to become the world people." We are devotees of God and we do not have any right over them after death. "

The necklace can not be worn at all. The devotees who adhere to the four rules can wear garland only. There are four rules: 1) Do not eat meat. 2) Do not use any kind of addiction. 3) Not playing gambling 4 ) Do not trace illegal women / men.

If you follow these 4 rules and chant 16 or some of the beats of Lord Krishna, then you can wear ornamental garlands. To wear the necklace, take the initiation, do not need to accept the Guru.

Those who are Dikshit devotees should wear gilded beads in 3 surrounds, but those who have not been initiated, they can wear garland of one or two rounds, such as Shree Prabhupada.

Our dress affects our thinking. Therefore, if you wear worn garb and wear tilk wherever possible, in this way you will present yourself as a devotee in front of others. This way, devotion will be strengthened and there will be no prohibited actions. You will earn devotional benefits from this information


Always keep hare Krishna mahamantra
Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare
Hare Ram Hare Rama Ram Ram Hare Hare

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