" कैसे मिलन हो तेरा मोहन जरा बतादे ,
तेरी इक झलक को प्यारे नज़रें तरस रहीं हैं ,
सावन की बदरी जैसे अँखियाँ बरस रहीं हैं ,
कहीं बन ना जाये सागर पल पल टपक टपक के
यह दिलदार सांवरिया
भागवत कथा प्रवक्ता
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
संपर्क08737866555
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