रविवार, 28 जनवरी 2018

आज का सुविचारToday's wise thought


🍒 अपने धर्म में चार पुरुषार्थ माने गये हैं। धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। पहला पुरुषार्थ धर्म है और अंतिम मोक्ष है। बीच में अर्थ और काम को रखा गया है।
  
🍒 अर्थ और काम, ये दोनों धर्म की मर्यादा में रहकर प्राप्त करने और भोगने चाहिये। धर्मानुकूल अर्थ को प्राप्त करो और धर्मानुकूल काम का सेवन करो। मनुष्य जीवन में धर्म और मोक्ष प्रधान हैं। अर्थ और काम गौण हैं। 

🍒 कदाचित पैसे का नाश हो तो होने दो, परंतु धर्म को मत छोड़ो। धर्म का पालन करोगे तो ही कल्याण होगा। धर्म के लिए प्राण देने वाला मरता नहीं, अमर हो जाता है। जटायु जी ने भी धर्म के लिए प्राणों का बलिदान किया था।
""राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता ""
  प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
श्री धाम वृंदावन मथुरा  उत्तर प्रदेश 
सम्पर्क  09453316276 08737866555

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