बुधवार, 4 अप्रैल 2018

साँवरे... 
   क्यूँ हम तेरे ख्यालों में ....
                         खो जाते हैं.... 
एक पल की दूरी में 
                      रो जाते हैं...... 
कोई हमें इतना तो बता दो 
                       हम ही ऐसे हैं...... 
या तुमसे प्यार करने के बाद 
               सब ऐसे हो जाते हैं..मेरे साँवरे..!!



     "राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता"
    प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 08737866555/09453316276

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

भारत देश की क्या विडंबना है
हम भारत देश को किस ओर ले जा रहे हैं जरा विचार करें
मेरा यह मानना है देश में आरक्षण होना ही नहीं चाहिए







राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता 
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 08737866555

रविवार, 1 अप्रैल 2018

नकली घी कैसे बनता है?? एक बार जरूर पढ़ें और क्यों नही खाना चाहिए ! मैं सलाह दूंगा कि ऐसा घी खाने के बजाय नही खाना अच्छा... खाए तो गौ शाला से खरीद कर..

चमड़ा सिटी के नाम से मशहूर कानपुर में जाजमऊ से गंगा जी के किनारे किनारे 10 -12 किलोमीटर के दायरे में आप घूमने जाओ तो आपको नाक बंद करनी पड़ेगी।

यहाँ सैंकड़ों की तादात में गंगा किनारे भट्टियां धधक रही होती हैं। इन भट्टियों में जानवरों को काटने के बाद निकली चर्बी को गलाया जाता है। इस चर्बी से मुख्यतः 3 चीजे बनती हैं।

1- एनामल पेंट (जिसे हम अपने घरों की दीवारों पर लगाते हैं)

2- ग्लू (फेविकोल इत्यादि, जिन्हें हम कागज, लकड़ी जोड़ने के काम में लेते हैं)

3- और तीसरी जो सबसे महत्वपूर्ण चीज बनती है वो है "शुध्द देशी घी"

जी हाँ " शुध्द देशी घी" 
यही देशी घी यहाँ थोक मंडियों में 250 से 450 रूपए किलो में भरपूर बिकता है।

इसे बोलचाल की भाषा में "पूजा वाला घी" बोला जाता है। इसका सबसे ज़्यादा प्रयोग भंडारे कराने वाले करते हैं। लोग 15 किलो वाला टीन खरीद कर मंदिरों में दान करके पूण्य कमा रहे हैं।।   
     इस "शुध्द देशी घी" को आप बिलकुल नही पहचान सकते बढ़िया रवेदार दिखने वाला ये ज़हर सुगंध में भी एसेंस की मदद से बेजोड़ होता है।

औधोगिक क्षेत्र में कोने कोने में फैली वनस्पति घी बनाने वाली फैक्टरियां भी इस ज़हर को बहुतायत में खरीदती हैं, 
अब आप स्वयं सोच लो आप जो वनस्पति घी " डालडा" "फॉर्च्यून" खाते हो उसमे क्या मिलता होगा।

कोई बड़ी बात नही देशी घी बेंचने का दावा करने वाली कम्पनियाँ भी इसे प्रयोग करके अपनी जेब भर रही हैं।                    🙏🏻 क्षमा करें, मेरा उद्देश्य आप सब को डराना नहीं है। लेकिन सच्चाई भी यही है कि बाजार में देशी घी के नाम पर यही बेचा जा रहा है। पूजा पाठ में प्रयोग कर हम किस तरह की पूजा कर रहे हैं ये भी सोचने की बात है। धन्यवाद 🙏🏼

अब बात करे असली घी  ,तो ये करीब 30 लीटर गाय के दूध से 1 लीटर बनता है ,
ओर इसके लिए दूध को पहले गर्म रखा  जाता है ,मिटी बर्तन में 
गोबर के सुलगते कंडो पर दिन भर
रात्रि को मिटी बिलौना बर्तन
में दही जमा दिया जाता है ,फिर सुबह उसको मथकर ,मखन निकाला जाता है ,उसी मखन को गर्म करके उसमे सुध प्योर गो घृत बनता है ,
जिसको 10 ग्राम भी आप जलाते हैं ,तो 1 टन ऑक्सीजन बनती है ।

आप ये घी खाएंगे तो केलोस्ट्रोल खत्म करेगा ,गुटनो के रोग खत्म करेगा ,
रोटी सब्जी में रोज आप खाते हैं ,तो आपकी आयु लम्बी करेगा ,आपको स्वस्थ करेगा ।

   राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
        08737866555

हे मेरे प्यारे कान्हा जी 
   कितना अजीब है अन्दाज तेरी मोहब्बत का.!
       रुला के कहते हैं अपना ख्याल रखना..!!
जय श्री कृष्णा जी

    राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
 प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
       08737866555