बुधवार, 10 जनवरी 2018

मनुष्य योनि बड़े भाग से प्राप्त होती है प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज

बड़ें भाग मानुष तनु पावा।
               सुर दुर्लभ सब ग्रंथन्हि गावा॥
     साधन धाम मोच्छ कर द्वारा।
               पाइ न जेहिं परलोक सँवारा॥

श्रीरामचरितमानस-उत्तरकाण्ड

अर्थ:- बड़े भाग्य से यह मनुष्य शरीर मिला है। सब ग्रंथों ने यही कहा है कि यह शरीर देवताओं को भी दुर्लभ है (कठिनता से मिलता है)। यह मनुष्य शरीर साधन का धाम और मोक्ष का दरवाजा है। इसे पाकर भी जिसने परलोक न बना लिया। (वह बाद में सिर्फ पछताता है

Shree Ramacharitamanas Uttarkanda

Meaning: - With great fate this man has got body. All the texts have said that this body is rare even to the Gods (meets with hardship). This man is the door of the body and the door of salvation. Even after finding it, which has not created the world. (He only regrets later).

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