शुक्रवार, 26 जनवरी 2018
pramod krishna Shastri
Pramod Krishna Shastri भगवान श्री कृष्ण भगवान श्रीराम ने अपने जीवन में अनेकों कार्य करके हमें बतलाया कि जीव को इस तरह करना चाहिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने जीवन में जो किया वह हमें करना चाहिए और लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण ने
जो जीवन में कहा उसे जीव को करना चाहिए हिंदुस्तान न्यूज़ पेपर लखनऊ
गुरुवार, 25 जनवरी 2018
धर्म किसे कहते हैं ??..धर्म का पालन करना क्यों आवश्यक है?धर्म का पालन नहीं करने से क्या हानि होती है ??..धर्म के लक्षण क्या है??..
!! धर्म किसे कहते हैं ??..
धर्मम् तु साक्षात भगवत प्राणितम ।
भगवान की आज्ञानुसार आचरण को धर्म कहते हैं । जिन कर्मों के करने से उन्नति हो और सच्चा सुख मिले उन कर्मों के आचरण को धर्म कहते हैं ।
2. धर्म का पालन करना क्यों आवश्यक है???
धर्म का पालन करने से ही मनुष्य उन्नति कर सकता है और सच्चा सुख पा सकता है, अगले जन्मों में क्रमशः उन्नति करते हुए मुक्ति को प्राप्त करता है। इसलिए धर्म का पालन करना आवश्यक है।
3. धर्म का पालन नहीं करने से क्या हानि है ?
धर्म का पालन नहीं करने से मनुष्य दिन पर दिन पतित होता जाता है, उसका जीवन दुखी हो जाता है और अगले जन्मों में पशु या कीड़े मकोडों का जन्म पाता है । धर्म का पालन नहीं करने से यही हानि है।
4. धर्म के क्या लक्षण हैं ?
धर्म के दस लक्षण मनु महाराज ने बताए हैं -धृति,क्षमा,दम,अस्तेय,शौच, इन्द्रिय निग्रह ,धी,विद्या, सत्य और अक्रोध ।
5. धृति किसे कह्ते हैं ?
कष्ट आने पर नहीं घबड़ाना, धीरज रखना , शांत मन से अपने कार्य करते जाना धृति कहलाता है।
6. क्षमा किसे कहते हैं ?
किसी से अनजाने में अपराध हो जाय तो बुरा न मानना, क्रोध न करना, उससे बदले की भावना न रखना क्षमा कहलाता है।
7. दम किसे कहते हैं ?
सुख-दुख में अपने मन को वश में रखना दम कहलाता है।
8. अस्तेय किसे कहते हैं ?
दूसरे की चीज बिना उसकी जानकारी के नहीं लेना अस्तेय कहलाता है।चोरी न करना अस्तेय कहलाता है।
9. शौच किसे कहते हैं ?
घर-बाहर,शरीर,मन और वाणी को साफ रखना शौच कहलाता है।
10. इन्द्रिय निग्रह किसे कहते हैं ?
अपनी इन्द्रियों को वश में रखने को इन्द्रिय-निग्रह कहते हैं ।
11. धी किसे कहते हैं ?
धी का अर्थ होता है-बुद्धि ।अपनी बुद्धि का विकास करना चाहिए। बुद्धि से अच्छी बातें ही सोचनी चाहिए।
12. विद्या किसे कहते हैं ?
विद्या कहते है ज्ञान को। मनुष्य को सत्य ज्ञान प्राप्त करना चाहिए। असत्य ज्ञान को छोड़ देना चाहिए।
13. सत्य किसे कहते हैं ?
सच्चिदानंद श्रीकृष्ण ही पूर्ण-पुरुषोत्तम भगवान हें
सत्य-हरि का नाम सत्य
चेतन-आत्मा के रूप में
शरीर को जीवित
आनन्द- सुखदाता हें ।
उमा कहुँ मेँ अनुभव अपना
सत्य श्रीहरि जगत सब सपना ।।
14. अक्रोध का क्या अर्थ होता है ?
क्रोध नहीं करने को अक्रोध कहते हैं । किसी भी कारण से मन मे क्षोभ नहीं उत्पन्न होने देना चाहिए।
15. धर्म का बोध किस प्रकार होगा?
धर्म का बोध प्रमाणिक धर्म ग्रन्थों एवं संतों की शरणागति से होगा।
नोट:-धर्म सभी मनुष्यों के लिए लाभकारी एवं उपयोगी होता है जबकि मज़हब कुछ मनुष्यों के समूह के लिये उपयोगी और अन्य के लिये अनुपयोगी एवं अहितकारी होता है। और जो वेदों में वर्णित है और जो गीता, भागवत, रामायण और वेदानुकूल आचरण है वही धर्म है।
हरे कृष्ण!!
Who is the religion?
Dharmamu saakat Bhagvat Pranitam
According to God's will, conduct is called religion. The actions of those deeds that are progressing and attaining true happiness are called Dharma.
2. Why is it necessary to follow religion?
Only by following the religion, one can progress and attain true happiness, achieving liberation by progressing gradually in the next life. Therefore it is necessary to follow the religion.
3. What is the harm from not following the religion?
Due to not following the religion, man gets lost day by day, his life becomes unhappy, and in the next life, animals or insects get birth to mokodes. This loss is not followed by religion.
4. What are the characteristics of religion?
Manu Maharaj has told ten characteristics of religion - Dhriti, pardha, Dum, Astya, Shauk, Sankhya Nigrah, Dhi, Vidya, Satya and Akrash.
5. Who do you call Dhiti?
Do not panic, do endurance, do your work with a calm mind when it comes to pain.
6. Who is the pardon?
If someone is unknowingly committed to crime, do not feel bad, do not be angry, forgiveness is not forgiveness.
7. Who do you say?
It is said to keep your mind in control of happiness and misery.
8. Who is the call of Asa?
Do not take the other thing without taking the information of it is called as Astya.Don't ride is called as ASTAY.
9. What is the use of defeats?
It is called toxic to keep home, outside, body, mind and speech clean.
10. What is the sense nirga?
To keep your senses under control is called sensory control.
11. Who are you?
Dhi means the intellect. It should develop your intellect. I should think only good things from intellect.
12. What are the teachings?
Vidya says to knowledge Man should get true knowledge. Must leave untrue knowledge.
13. Who is the truth?
Sachchidanand Shrikrishna is the only Purushottam Bhagwan.
Truth-Hari's Name Truth
In the form of animate soul
Body alive
Anand - Sukhdar is there
Uma kahoon mein experience
Truth shri rahi jagat sabna sapna ..
14. What does unrest mean?
Not to be angry is called unprofession. There should be no irritation in the mind for any reason.
15. What will be the realization of religion?
Realization of religion will be through the submission of authentic religion books and saints.
Note: Religion is beneficial and useful for all humans, whereas religion is useful for some groups of humans and is useless and harmful to others. And those which are mentioned in the Vedas and that which is Geeta, Bhagwat, Ramayana and Vaidya Practices is the same religion.
Hare Krishna !
बुधवार, 24 जनवरी 2018
ब्राह्मण पृथ्वी पर हमेशा से ही सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।इनके पराक्रम की तुलना कोई और नही कर सकता,,Brahmin has always been the best on earth. No one can compare her feat with others
ब्राह्मणों पर सम्पूर्ण देश को गर्व होना चाहिए
ब्राह्मण पृथ्वी पर हमेशा से ही सर्वश्रेष्ठ रहे हैं।इनके पराक्रम की तुलना कोई और नही कर सकता
वर्तमान भारत में कुछ प्रसिद्ध ब्राह्मणों की सूची जिन्होंने अपने विचारों,कर्मों और निर्णयों से इस दुनिया को बदला है या बदल सकते हैं।
■ भारत की तीनों सेनाओं का नियंत्रण करने वाला व्यक्ति,सेनाध्यक्ष
—पंडित अजित डोभाल – गढ़वाली ब्राह्मण
—पंडित अजित डोभाल – गढ़वाली ब्राह्मण
■ भारत के राष्ट्रपति
—-पंडित प्रणब मुख़र्जी – बंगाली ब्राह्मण
—-पंडित प्रणब मुख़र्जी – बंगाली ब्राह्मण
■ विश्व का सबसे बड़ा सम्मान नोबल प्राइज पाने वाला भारतीय
—–पंडित कैलाश सत्यार्थी- कन्याकुब्ज ब्राह्मण
—–पंडित कैलाश सत्यार्थी- कन्याकुब्ज ब्राह्मण
■ भारत का सबसे अच्छा बॉडी बिल्डर
—-पंडित सुहास खमकर -मराठी देसत्ता ब्राह्मण
—-पंडित सुहास खमकर -मराठी देसत्ता ब्राह्मण
■ भारत देश को मौजूदा समय में सबसे ज्यादा रूपए दान करने वाला व्यक्ति
——पंडित मनोज भार्गव – गोड ब्राह्मण
(अब तक ये हज़ारो करोड़ दान दे भी चुके हैं।)
——पंडित मनोज भार्गव – गोड ब्राह्मण
(अब तक ये हज़ारो करोड़ दान दे भी चुके हैं।)
■ भारत देश का सबसे होशियार व् अधिक IQ वाला बच्चा
—-बालक कौटिल्य पंडित- गोड ब्राह्मण
—-बालक कौटिल्य पंडित- गोड ब्राह्मण
■ भारत का मौजूदा सबसे अच्छा मीडिया रिपोर्टर
—–पंडित रजत शर्मा(इंडिया टीवी)-भूमिहार ब्राह्मण
—–पंडित रजत शर्मा(इंडिया टीवी)-भूमिहार ब्राह्मण
■ सबसे बड़े सर्वे फोर्ब्स के अनुसार भारत के लोगो को सबसे ज्यादा हँसाने वाला व्यक्ति
—-पंडित कपिल शर्मा- सारस्वत ब्राह्मण
—-पंडित कपिल शर्मा- सारस्वत ब्राह्मण
■ विश्व का सर्वाधिक IQ (165) वाला बालक
—-पंडित शाश्वत शुक्ल(7 वर्षीय) , कानपुर,भारत
—-पंडित शाश्वत शुक्ल(7 वर्षीय) , कानपुर,भारत
■ भारत का सबसे मशहूर खिलाड़ी जिसके नाम से विश्व मे भारत को जाना जाता है।
—–पंडित विश्वनाथन आनंद CHESS WORLD CHAMPION -तमिल ब्राह्मण
—–पंडित विश्वनाथन आनंद CHESS WORLD CHAMPION -तमिल ब्राह्मण
■ पवित्र गीता के प्रथम पद्यानुवादक (श्लोकों का हिंदी दोहों में अनुवाद करने वाले विश्व के प्रथम व्यक्ति)
—– पंडित श्री जुगुल किशोर तिवारी जी (IPS),आत्मतोषिणी गीता के रचयिता ..
—– पंडित श्री जुगुल किशोर तिवारी जी (IPS),आत्मतोषिणी गीता के रचयिता ..
■ एक सर्वे के आकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा चहेता पसंदीदा भारतीय
—–पंडित सचिन तेंदुलकर – मराठी चित्वापन ब्राह्मण
—–पंडित सचिन तेंदुलकर – मराठी चित्वापन ब्राह्मण
■ भारत का सबसे शक्तिशाली व्यक्ति जो अपने निर्णयो तथा विचारो से देश को विश्व मे सर्व प्रथम बना सकता है
—–पंडित मोहन भागवत- RSS प्रमुख -मराठी कोंकण ब्राह्मण
—–पंडित मोहन भागवत- RSS प्रमुख -मराठी कोंकण ब्राह्मण
चाणक्य जी ने कहा है ब्राह्मण कभी साधारण नही होता प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं।
अगर ब्राह्मण होने पर गर्व है तो इसे शेयर करो व दुनिया को ब्राह्मणों के पराक्रम की शक्ति बताओ
अगर ब्राह्मण होने पर गर्व है तो इसे शेयर करो व दुनिया को ब्राह्मणों के पराक्रम की शक्ति बताओ
English Translation By Bing
The whole country should be proud onBrahmins
Brahmins are always best on Earth. Theycannot any more than the mighty
Let’s see
Current list of some famous Brahmins inIndia who your thoughts, deeds anddecisions have changed or change this world.
■ The person in control of the three services of India, staff
—Pandit Ajit dobhal-garhwali Brahmins
■ President of India
—-Pandit Pranab a.k. Mukherjee-Bengali Brahmin
■ Respected noble prize going to get world’s largest Indian
—-–Pandit Kailash Satyarthi questions–kokubunji Brahmin
■ India‘s best bodybuilder
Suhas khamkar–pundits–MarathiBrahmin desatta
■ India country currently the person whodonated the most money
–Pandit Manoj Bhargava–fried Brahmin
(So far, they also donate by hundreds million. )
■ India country’s smartest business moreIQ child
–Kautilya chanakya Pandit–friedBrahmin
■ The best India‘s existing mediareporter
–Pandit Rajat Sharma (India)–bhumihar
■ According to the largest survey Forbes India person most people of high jinks
–Pandit Kapil Sharma–saraswatBrahmin
■ The world’s highest IQ (165) lad
-Pandit eternal Shukla (7-year-old), Kanpur, India
India‘s most famous player whose name■ world known in India.
–WORLD CHESS CHAMPIONVishwanathan Anand—Pandit–TamilBrahmin
■ First Geeta padyanuvadak (versestranslated into Hindi of the Doha the world’s first-person)
–Pandit Shree jugal Kishore Tiwari-ji(IPS), creator of GITA atmatoshini.
■ According to a survey of the most favourite favourite Indian base line data
–Pandit Sachin Tendulkar–MarathiBrahmin chitvapan
■ India’s most powerful person who in their conclusions and observations, the country can create a global first for all
-Mohan Bhagwat–Konkan MarathiBrahmin RSS head –
Chanakya-ji has said is not the Holocaustand never simple Brahmin in his lapthrive.
If so please share it on proud Brahminand tell the world the power of themighty Brahmins
मंगलवार, 23 जनवरी 2018
मनुष्य जीवन अनमोल है इसके महत्व को समझें,, Understand the importance of human life is precious
जीवन वोध में जीना सीखिये विरोध में नहीं, एक सुखप्रद जीवन के लिए इससे श्रेष्ठ कोई दूसरा उपाय नहीं हो सकता। जीवन अनिश्चित है और जीवन की अनिश्चितता का मतलब यह है कि यहां कहीं भी और कभी भी कुछ हो सकता है।
✍🏻यहां पर आया प्रत्येक जीव बस कुछ दिनों का अतिथि(मेंहमान) से अधिक कुछ नहीं है, इसीलिए जीवन को हंसी में जीना चाहिये, हिंसा में नहीं। चार दिन के इस जीवन को प्यार से जीना चाहिये, अत्याचार से नहीं।
✍🏻जीवन अवश्य आनंद के लिए ही है इसीलिए इसे मजाक बनाकर नहीं मजे से जीना चाहिये। इस दुनियां में बाँटकर जीना सीखिये बंटकर नहीं। जीवन वीणा की तरह है, ढंग से बजाना आ जाए तो आनंद ही आनंद है।
Learn to live in life-consciousness, not in opposition, for a pleasant life, there can be no other way better than that. Life is uncertain and the uncertainty of life means that there can be something here and sometimes anywhere.
Every person who came here is nothing more than a few days (guest), so life should live in laughter, not in violence. This life of four days should live with love, not atrocity.
Life is definitely for happiness, so that should not be fun by making fun of it. Learn to live and share this world without sharing it. Life is like a harp, if it comes to play in a manner, joy is joy.
अपने से किसी से छोटा नहीं समझना चाहिए
एक जंगल में एक सर्प रहता था। वह रोज चिड़ियों के अंडों, चूहों, मेंढकों एवं खरगोश जैसे छोटे-छोटे जानवरों को खाकर पेट भरता था। वह आलसी भी बहुत था। एक ही स्थान पर पड़े रहने के कारण कुछ ही दिनों में वह काफी मोटा हो गया। जैसे-जैसे वह ताकतवर होता गया, वैसे-वैसे उसका घमंड भी बढ़ता चला गया।
एक दिन सर्प ने सोचा, ”मैं जंगल में सबसे ज्यादा शक्तिशाल हूं। इसलिए मैं ही जंगल का राजा हूं। अब मुझे अपनी प्रतिष्ठा और आकार के अनुकूल किसी बड़े स्थान पर रहना चाहिए।“
यह सोचकर उसने अपने रहने के लिए एक विशाल पेड़ का चुनाव किया।
पेड़ के पास चींटियों की बस्तियां थी। वहां ढेर सारी मिटृी के छोटे-छोटे कण जमा थे।
उन्हें देखकर उसने घृणा से मुंह बिचकाया और कहा- ”यह गंदगी मुझे पसंद नहीं। यह बवाल यहां नहीं रहना चाहिए।“
वह गुस्से से बिल के पास गया और चींटियों से बोला- ”मैं नागराज हूं, इस जंगल का राजा! मैं आदेष देता हूं कि जल्द से जल्द इस गंद को यहां से हटाओ और चलती बनो।“
सर्पराज को देखकर वहां रहने वाले अन्य छोटे-छोटे जानवर थर-थर कांपने लगे।
पर नन्हीं चींटियों पर उसकी धौंस का कोई असर नहीं पड़ा।
यह देखकर सर्प का गुस्सा बहुत अधिक बढ़ गया और उसने अपनी पूंछ से बिल पर कोड़े की तरह जोर से प्रहार किया।
इससे चींटियों को बहुत गुस्सा आया। क्षण भर में हजारों चींटियां बिल से निकलकर बाहर आई और सर्प के शरीर पर चढ़कर उसे काटने लगीं।
नागराज का लगा जैसे उसके शरीर में एक साथ हजारों कांटें चुभ रहे हों। वह असहाय वेदना से बिलबिला उठे। असंख्य चींटियां उसे नोच-नोचकर खाने लगीं।
वह उनसे छुटकारा पाने के लिए छटपटाने लगा।
मगर इससे कोई फायदा नहीं हुआ।
कुछ देर तक वह इसी तरह संघर्ष करता रहा, पर बाद में अत्यधिक पीड़ा से उसकी जान निकल गई। उसके बाद भी चींटियों ने उसे नहीं छोड़ा और उसका नर्म मांस नोच-नोचकर खा गई।
कुछ ही देर बाद वहां सांप का अस्थि पंजर पड़ा था। इसीलिए कहते हैं कि किसी को छोटा समझकर उस पर बेवजह रोब नहीं जमाना चाहिए। बहुत सारे छोटे मिलकर बड़ी शक्ति बन जाते हैं।A snake lived in a forest. He used to fill the stomach with small birds like birds, rats, rats and rabbits every day. He was too lazy too. Due to being in one place, he became very thick in a few days. As he became stronger, his pride increased even further.
One day the snake thought, "I am the most powerful in the jungle. Therefore I am the King of the Jungle. Now I should live in a big place suited to my reputation and size. "
By thinking of this, he chose a huge tree to live in.
The trees had settlements of ants. There were a lot of small particles stored in the soil.
Seeing them, he interrupted his head and said, "I do not like this mess. This organism should not stay here. "
He went to the bills with anger and told the ants - "I am Nagraj, the King of this forest! I would like to be able to remove this dirty from here as soon as possible and move on. "
Looking at the sarpraj, other small animals who live there shivering thunders.
But his ants did not have any effect on the nine ants.
Seeing this, the snake's anger got overwhelming and he hit his tail like a whip on the bill.
This made the ants very angry. In the moment, thousands of ants came out of the bill and came out and bitten the snake's body and started cutting it.
Nagraj felt like he was piercing thousands of thorns together in his body. He got bored with helpless pain. Numerous ants started to scratch and eat it.
He began to spank them to get rid of them.
But this did not work anymore.
He struggled in the same way for a while, but later he got out of extreme pain. Even after this the ants did not leave him, and his soft flesh nourished and eaten.
Shortly thereafter, there was a snake bone. That is why it is said that no one should be considered as a minor and should not be allowed to do unnecessary rubbish. Many small ones become big powers together.
भगवान की कृपा हर जीव पर होती है अनुभव करना पड़ेगा
एक भक्त था वह परमात्मा को बहुत मानता था,
बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा
किया करता था ।
एक दिन भगवान से
कहने लगा –
मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई ।
मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो।
भगवान ने कहा ठीक है,
तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो,
जब तुम रेत पर
चलोगे तो तुम्हे दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देंगे ।
दो तुम्हारे पैर होंगे और दो पैरो के निशान मेरे होंगे ।
इस तरह तुम्हे मेरी
अनुभूति होगी ।
अगले दिन वह सैर पर गया,
जब वह रेत पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये वह बड़ा खुश हुआ ।
अब रोज ऐसा होने लगा ।
एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ सब कुछ चला गया,
वह रोड़ पर आ गया उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया ।
देखो यही इस दुनिया की प्रॉब्लम है, मुसीबत में सब साथ छोड़ देते है ।
अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये ।
उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त में भगवान ने भी साथ छोड दिया।
धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा फिर सब लोग उसके
पास वापस आने लगे ।
एक दिन जब वह सैर
पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे ।
उससे अब रहा नही गया,
वह बोला-
भगवान जब मेरा बुरा वक्त था तो सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था पर मुझे इस बात का गम नहीं था क्योकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है,
पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था,
ऐसा क्यों किया?
भगवान ने कहा –
तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूँगा,
तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे,
उस समय में तुम्हे अपनी गोद में उठाकर चलता था और आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हे नीचे उतार दिया है ।
इसलिए तुम्हे फिर से चार पैर दिखाई दे रहे ।One devotee was very respectful to God,
His service with great love and sense
Used to do .
One day to god
Began to say -
I worship you so much but till date I did not feel like you.
I want you not to see me, but do something like this that I have the experience that you are.
God said ok,
You go on a trip to the sea every morning,
When you are on the sand
If you walk, you will see four legs instead of two feet.
Two will be your feet and the marks of two feet will be mine.
This way you mine
The sensation will occur.
The next day he went on a walk,
When he started walking on the sand, he felt very happy with two legs along with his legs.
Now it starts to happen every day.
Once he lost everything in business, everything went away,
He came on the road, he left him with him.
Look, this is the problem of this world, leaving everything in trouble.
Now she went on a trip, she saw two legs in place of four feet.
It was a great surprise that God left him in the worst times.
Slowly everything started to recover
Started coming back near
One day when she walks
But he saw that the four legs started to appear again.
She did not stay now,
He said-
When God was my bad time, everyone had left me, but I did not have any grief about this because it happens in this world,
But you also left me with that time,
Why Did you do this?
God said -
How did you think that I would leave with you,
In your worst time, on the sand you saw two footprints, they were not on my feet,
At that time you used to walk in your lap and today when your bad times are over, I have dropped you down.
So you are seeing four legs again.
दुनिया में सबसे कठिन कार्य क्या है???
✍🏻यक्ष गीता में युधिष्ठर से यक्ष ने एक प्रश्न किया है कि दुनिया में सबसे कठिन क्या है ? धर्मराज ने बड़ा सुन्दर उत्तर दिया है कि सबसे कठिन है किसी भी कार्य को प्रारम्भ कर देना।
✍🏻शुरुआत करना ही सबसे कठिन है। आप दृढ संकल्प के साथ जब खड़े हो जाते है तो आधा कार्य तो समझिये तब हो जाता है। व्यक्ति बिचारता बहुत है। कार्य में तो ५% ऊर्जा ही लगती है, ९५% तो सोचने में और योजना करने में लग जाती है। कर्म करते समय पता चलेगा कि और क्या-क्या सुधार किया जा सकता है ?
✍🏻नये कार्य कीजिये लेकिन समय वद्धता अवश्य रखिये, कब तक कार्य को पूरा करना है। अन्यथा इतने कार्य अवशेष(पैंडिंग) हो जायेंगे कि कोई भी कार्य ढंग से नहीं हो पायेगा। क्रिया से आदमी उतना नहीं थकता जितना ये बिचार करके थक जाता है कि उसे क्या-क्या करना है।
🌷🌷
!!जिन्दगी मिली थी कुछ करने के लिए!
!!लोगों ने सोचने में ही गुजार दिया!!
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