बुधवार, 6 जून 2018


🌻🌿 जय श्री कृष्णा जी 🌿🌻
कृष्ण की बांसुरी के बारे में एक सुन्दर कहानी

           हम सब जानते हैं कि कृष्ण सदा अपने हाथमें बांसुरी पकड़ते हैं. वास्तवमें इसके पीछे एक विख्यात कहानी है. हर रोज़ कृष्ण बगीचेमें जाकर सभी पौधों से कहते थे, “मैं तुमसे प्रेम करता हूँ.” यह सुनकर सभी पौधे अत्यधिक प्रसन्न होते थे और जवाब में वे कृष्ण से कहते थे, “कृष्ण, हम भी आपसे प्रेम करते हैं
          एक दिन अचानक तेज़ी से दौड़ते हुए कृष्ण बगीचे में आए और सीधे बांस के वृक्ष के पास गए.वृक्ष ने कृष्ण से पूछा, “कृष्ण, क्या बात है?” कृष्ण ने कहा - “ यद्यपि यह बहुत मुश्किल है परन्तु मुझे तुमसे कुछ पूछना है ।” बांस ने कहा- “ आप मुझे बताइए, यदि संभव होगा तो मैं अवश्य आपकी सहायता करूँगा ।” इस पर कृष्ण बोले - “मुझे तुम्हारा जीवन चाहिए, मैं तुम्हें काटना चाहता हूँ ।" बांस ने क्षणभर के लिए सोचा और फिर बोला - “आपके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, क्या दूसरा कोई रास्ता नहीं है ?” कृष्ण बोले - “नहीं, बस यही एक रास्ता है ।” बांस ने कहा - “ठीक है, मैं स्वयं को आपको समर्पित करता हूँ ।"
          जब कृष्ण बांस को काटकर उसमें छेद कर रहे थे तब बांस दर्द से चिल्ला रहा था क्योंकि छेद बनाने से बांस को बहुत पीड़ा हो रही थी, परन्तु काटने व तराशने की प्रक्रिया के दौरान होने वाली पीड़ा और दर्द को सहने के बाद, बांस ने स्वयं को एक मनमोहक बांसुरी में रूपांतरित पाया, यह बांसुरी हर समय कृष्ण के साथ रहती थी ।
         इस बांसुरी से गोपियाँ भी ईर्ष्या करती थीं, उन्होंने बांसुरी से कहा - “अरे, कृष्ण हैं तो हमारे भगवान पर फिर भी हमें उनके साथ केवल कुछ समय ही व्यतीत करने को मिलता है, वह तुम्हारे साथ ही सोते हैं और तुम्हारे साथ ही उठते हैं, तुम हर समय उनके साथ रहती हो ।” एक दिन उन्होंने बांसुरी से पूछा, “हमें इसका रहस्य बताओ,  क्या कारण है कि भगवान कृष्ण तुम्हें इतना संजोकर रखते हैं ?"*
         बांसुरी ने उत्तर दिया - “इसका रहस्य यह है कि मैं अंदर से खोखली हूँ, और मेरा अपना कोई अस्तित्व नहीं है ।
         ' सही मायने में आत्मसमर्पण इसी को कहते हैं; जहाँ भगवान आपके साथ जैसा वह चाहें, वैसा कर सकते हैं, इसके लिए आपको डरने की ज़रुरत नहीं है - " केवल स्वयं को पूर्णतया समर्पित करने की आवश्यकता है, वास्तविकता में आप कौन हैं ? आप प्रभु का ही स्वरुप है ।"

🌹 सीख 🌹
*ईश्वर को पता है कि हमारे लिए क्या सर्वोत्तम है, उन्होंने हमारे लिए सर्वोत्तम आयोजित किया है, हमें अपना सर्वश्रेष्ठ करने के बाद शेष सब प्रभु पर छोड़ देना चाहिए, हमारी दृष्टि सीमित है, हम परीक्षाओं व पीड़ा से घबराते हैं, पर हमें इस बात का अहसास नहीं होता है कि आने वाले समय में इसमें हमारा भला निहित होता है, जब हम स्वयं को सम्पूर्ण रूप से ईश्वर के चरणों में समर्पित करते हैं तो प्रभु हमारे भले का उत्तरदायित्व अपने हाथ में ले लेते हैं और हमें सदा सर्वश्रेष्ठ ही मिलता है ।

 जय श्री कृष्णा
           




       राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
     प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 08737866555 / 09453316276

मंगलवार, 5 जून 2018

लोग अपने स्वार्थ के लिए ना जाने क्या-क्या करते हैं। जिस किसी भी व्यक्ति को धोखा देते हैं। स्वार्थ में इतने अंधे हो जाते हैं, वे यह भी नहीं देखते कि सामने वाला व्यक्ति कितना ईमानदार है।
 यद्यपि किसी को भी धोखा देना अपराध है,  उसका दंड मिलता है। परंतु यह कर्म फल व्यवस्था ऐसी है कि यदि आप बेईमान को धोखा देंगे, तो जितना दंड मिलेगा; उससे अधिक दंड तब मिलेगा जब आप किसी ईमानदार को धोखा देंगे।
जैसे किसी जवान को पीटने पर लोग आपसे कम नाराज होंगे, उसकी तुलना में यदि आप किसी दो-तीन  साल के बच्चे को पीटते हैं, तो लोग आप से अधिक नाराज होंगे। ऐसा ही सब जगह समझना चाहिए।
 तो किसी के साथ भी धोखा ना करें, ईमानदारी से जीवन जिएं। तथा ईश्वर के न्यायालय में दंड के पात्र ना बनें। अच्छे काम करें और सदा सुखी रहें।

Զเधॆ- Զเधॆ

     "राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता"
    प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज 
            ( श्री धाम वृंदावन)
 08737866555 / 09453316276

रविवार, 27 मई 2018


Pramod Krishna Shastri 

कोई मरहम नहीं चाहिये,
 जख्म मिटाने के लिये...
मेरे सांवरे....
तेरी एक झलक ही काफी है,
   मेरे ठीक हो जाने के लिये..


राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता 
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
      08737866555

शनिवार, 26 मई 2018

मेरे मुरलीधर
इस दिल को तुम्हारा इंतज़ार है,i
ख्यालों में भी बस तुम्हारा ही ख्याल है,
खुशियां मैं सारी तुम पर लुटा दूँ,
कब आओ गे मेरे प्रभु इस दिल को बस तुम्हारे दर्शन का इंतज़ार है !!
राधे-राधे जी
💐🌺💖


 
     राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
   प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
         08737866555

गुरुवार, 24 मई 2018


उन लोगों की उम्मीदों को
कभी टूटने ना देना,

जिनकी आखरी उम्मीद
सिर्फ आप ही है!


प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज

बुधवार, 4 अप्रैल 2018

साँवरे... 
   क्यूँ हम तेरे ख्यालों में ....
                         खो जाते हैं.... 
एक पल की दूरी में 
                      रो जाते हैं...... 
कोई हमें इतना तो बता दो 
                       हम ही ऐसे हैं...... 
या तुमसे प्यार करने के बाद 
               सब ऐसे हो जाते हैं..मेरे साँवरे..!!



     "राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता"
    प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 08737866555/09453316276

मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

भारत देश की क्या विडंबना है
हम भारत देश को किस ओर ले जा रहे हैं जरा विचार करें
मेरा यह मानना है देश में आरक्षण होना ही नहीं चाहिए







राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता 
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 08737866555