शनिवार, 3 फ़रवरी 2018

अच्छे कर्म का क्या फल होता है सुंदर प्रसंग What is the result of good deeds

|| जय श्री राधे ||
कर्मफल का विधान             
👉🏽भगवान ने नारद जी से कहा आप भ्रमण करते रहते हो कोई ऐसी घटना बताओ जिसने तम्हे असमंजस मे डाल दिया हो...


नारद जी ने कहा प्रभु

अभी मैं एक जंगल से आ रहा हूं, वहां एक गाय दलदल में फंसी हुई थी। कोई उसे बचाने वाला नहीं था।


तभी एक चोर उधर से गुजरा, गाय को फंसा हुआ देखकर भी नहीं रुका, उलटे उस पर पैर रखकर दलदल लांघकर निकल गया। आगे जाकर उसे सोने की मोहरों से भरी एक थैली मिल गई। थोड़ी देर बाद वहां से एक वृद्ध साधु गुजरा। उसने उस गाय को बचाने की पूरी कोशिश की। पूरे शरीर का जोर लगाकर उस गाय को बचा लिया लेकिन मैंने देखा कि गाय को दलदल से निकालने के बाद वह साधु आगे गया तो एक गड्ढे में गिर गया और उसे चोट लग गयी । भगवान बताइए यह कौन सा न्याय है।


भगवान मुस्कुराए, फिर बोले नारद यह सही ही हुआ। जो चोर गाय पर पैर रखकर भाग गया था, उसकी किस्मत में तो एक खजाना था लेकिन उसके इस पाप के कारण उसे केवल कुछ मोहरे ही मिलीं।

वहीं उस साधु को गड्ढे में इसलिए गिरना पड़ा क्योंकि उसके भाग्य में मृत्यु लिखी थी लेकिन गाय के बचाने के कारण उसके पुण्य बढ़ गए और उसे मृत्यु एक छोटी सी चोट में बदल गई। इंसान के कर्म से उसका भाग्य तय होता है। अब नारद जी संतुष्ट थे|


सार :


सदा अच्छे कर्म मे ही प्रवत्त रहना चाहिए 

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श्रीमद्भागवत कथा , कराने के लिये संम्पर्क करे 
      प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
श्री धाम  वृंदावन मथुरा( उत्तर प्रदेश)
फोन 09453316276 / 08737866555

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  | Jai Shree Radhe ||

Legislative Legislation *

👉🏽 God told Narad ji, you used to travel, tell an incident that has put you in confusion ...



Narada ji said Lord


Right now I am coming from a forest, where a cow was trapped in the swamps. There was no one to save him.



Only then did a thief go through, seeing the cow trapped, did not even stop, in turn reared the feet and crossed the swamp. Going forward, he found a bag full of gold pieces. After a while, an elderly sadhu passed from there. He tried his best to save the cow. With the force of the whole body saved that cow, but I saw that after the removal of cow from the swamps, the saint went ahead and fell into a pit and he got hurt. Tell God what justice it is.



God smiled, then said Narada it was right. The thief who ran away on the cow had a treasure in his destiny, but due to his sin, he got only a few pieces.


At that time the sadhu had to fall in the pit because his death had been written in the fate, but due to the saving of the cow, his virtue increased and he died in a minor injury. His destiny is determined by the deeds of man. Now Narad ji was satisfied.



abstract :



Must always remain in good deeds


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Please share the story of Shrimad Bhagwat

Pramod Krishna Shastri ji Maharaj

Shri Dham Vrindavan Mathura (Uttar Pradesh)

Phone 09453316276/08737866555


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