शनिवार, 6 जनवरी 2018

Pramod Krishna Shastri

मेरे कान्हा हसरत हैं सिर्फ तुम्हे पाने की,
और कोई खवाहिश नहीं इस दीवाने की,
शिकवा मुझे कान्हा  से इतनी है ,

क्या ज़रूरत थी हमें अपनी खूबसूरती से  दूर रखने की|
परमात्मा की कारीगरी तो देखो कितनी अजीब है,
हम सब को बना कर खुद गायब हो गया...

आंखे बनाई देखने के लिये,
पर वो दिखता बंद आंखों से है।

प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
 राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
 श्री धाम वृंदावन मथुरा उत्तर प्रदेश
   संस्थापक/ अध्यक्ष
 श्री राधा कृष्ण गौ सेवा संस्थान रजिस्टर्ड लखनऊ
WhatsApp 08737866555

जय श्री कृष्ण

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