|| जय श्री कृष्ण ||
महर्षि पाराशर पंचांग
अथ पंचांगम्
दिनाँक -: 17/01/2018,बुधवार
माघ , कृष्ण पक्ष
अमवस्या
""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि--------अमावस्या07:46:51 तक
पक्ष-----------------------------कृष्ण
नक्षत्र-------उत्तराषाढा22:18:03
योग---------------हर्शण09:45:30
करण-------------नागव07:46:52
करण-------किन्स्तुघ्ना21:01:11
वार---------------------------बुधवार
माह (पूर्णिमांत)----------------माघ
चन्द्र राशि--------------------- मकर
सूर्य राशि---------------------- मकर
रितु------------------------------हेमंत
आयन---------------------उत्तरायण
संवत्सर---------------------हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)-----------साधारण
विक्रम संवत-----------------2074
विक्रम संवत (कर्तक)-------2074
शाका संवत------------------1939
वृन्दावन
सूर्योदय-----------------07:12:09
सूर्यास्त------------------17:46:37
दिन काल---------------10:34:27
रात्री काल--------------13:25:22
चंद्रास्त------------------18:07:17
चंद्रोदय------------------31:31:21
लग्न---मकर2°47' , 272°47'
सूर्य नक्षत्र----------------उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र---------------उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया---------------------ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
भो----उत्तराषाढा 08:51:17
जा----उत्तराषाढा 15:35:01
जी----उत्तराषाढा 22:18:01
खी----श्रवण 29:00:18
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=मकर 02°47 उ o षा o, 2भो
चन्द्र=मकर02 ° 32'उ o षा o' 2 भो
बुध=धनु 14 ° 00 ' पू o षा o ' 1भू
शुक्र=मकर 04 ° 37' उo षा o 3 जा
मंगल=तुला 00 ° 04 'विशाखा '4 तो
गुरु=तुला 25 ° 25 ' विशाखा , 2 तू
शनि=धनु 09 ° 10' मूल '3 भा
राहू=कर्क 22 ° 01 'आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 01 ' श्रवण, 4 खो
*🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩*
राहू काल 12:29 - 13:49अशुभ
यम घंटा 08:31 - 09:51अशुभ
गुली काल 11:10 - 12:29अशुभ
अभिजित 12:08 -12:51अशुभ
दूर मुहूर्त 12:08 - 12:51अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 07:12 - 08:31शुभ
अमृत 08:31 - 09:51शुभ
काल 09:51 - 11:10अशुभ
शुभ 11:10 - 12:29शुभ
रोग 12:29 - 13:49अशुभ
उद्वेग 13:49 - 15:08अशुभ
चाल 15:08 - 16:27शुभ
लाभ 16:27 - 17:47शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:47 - 19:27अशुभ
शुभ 19:27 - 21:08शुभ
अमृत 21:08 - 22:49शुभ
चाल 22:49 - 24:29*शुभ
रोग 24:29* - 26:10*अशुभ
काल 26:10* - 27:51*अशुभ
लाभ 27:51* - 29:31*शुभ
उद्वेग 29:31* - 31:12*अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 07:12 - 08:05
चन्द्र 08:05 - 08:58
शनि 08:58 - 09:51
बृहस्पति 09:51 - 10:44
मंगल 10:44 - 11:37
सूर्य 11:37 - 12:29
शुक्र 12:29 - 13:22
बुध 13:22 - 14:15
चन्द्र 14:15 - 15:08
शनि 15:08 - 16:01
बृहस्पति 16:01 - 16:54
मंगल 16:54 - 17:47
🚩होरा, रात
सूर्य 17:47 - 18:54
शुक्र 18:54 - 20:01
बुध 20:01 - 21:08
चन्द्र 21:08 - 22:15
शनि 22:15 - 23:22
बृहस्पति 23:22 - 24:29
मंगल 24:29* - 25:36
सूर्य 25:36* - 26:44
शुक्र 26:44* - 27:51
बुध 27:51* - 28:58
चन्द्र 28:58* - 30:05
शनि 30:05* - 31:12
*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान-------उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*🚩अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 15 + 4 + 1= 35 ÷ 4 = 3शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*💮 शिव वास एवं फल -:*
30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि संन्निधौ = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
* उदयामावस्य स्नान, दानादि पर्व
* श्री बलभद्र भटाचार्य पाटोत्सव
* दाऊजी की झांकी ,राधाबल्लभ जी वृन्दावन
*💮🚩💮शुभ विचार💮🚩💮*
एकाकिना तपो द्वाभ्यां पठनं गायनं त्रिभिः ।
चतुर्भिर्गमनं क्षेत्रं पंचभिर्बहुभी रणम् ।।
।।चा o नी o।।
जब आप तप करते है तो अकेले करे.
अभ्यास करते है तो दुसरे के साथ करे.
गायन करते है तो तीन लोग करे.
कृषि चार लोग करे.
युद्ध अनेक लोग मिलकर करे.
*🚩💮🚩सुभाषितानि🚩💮🚩*
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभाग योगअo-13
ऋषिभिर्बहुधा गीतं छन्दोभिर्विविधैः पृथक् ।,
ब्रह्मसूत्रपदैश्चैव हेतुमद्भिर्विनिश्चितैः ॥,
यह क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ का तत्व ऋषियों द्वारा बहुत प्रकार से कहा गया है और विविध वेदमन्त्रों द्वारा भी विभागपूर्वक कहा गया है तथा भलीभाँति निश्चय किए हुए युक्तियुक्त ब्रह्मसूत्र के पदों द्वारा भी कहा गया है॥,4॥,
*💮🚩दैनिक राशिफल🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
धर्म में आस्था रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी में लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।
🐂वृष
चोट, रोग व चोरी आदि से हानि संभव है। लापरवाही न करें। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। कुसंगति से हानि होगी।
👫मिथुन
विवाद से बचें। क्लेश होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बेचैनी रहेगी। वरिष्ठ जन सहयोग करेंगे। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है।
🦀कर्क
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। शत्रुभय रहेगा। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।
🐅सिंह
विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन प्राप्त होगा। लाभ होगा।
🙍🏻कन्या
शत्रु सक्रिय रहेंगे। बुरी सूचना मिल सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। घर-परिवार में अशांति संभव है। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे।
⚖तुला
पराक्रम में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
🦂वृश्चिक
लेन-देन में सावधानी रखें। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
🏹धनु
राजकीय बाधा संभव है। शारीरिक कष्ट से कार्यों में बाधा संभव है। अप्रत्याशित लाभ होगा। रोजगार मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊मकर
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षानुरूप कार्य न होने से तनाव रहेगा। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ होगा।
🍯कुंभ
डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। यात्रा व निवेश सफल रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐟मीन
योजना में परिवर्तन संभव है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनलाभ होगा। राजकीय सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे।
महर्षि पाराशर पंचांग
अथ पंचांगम्
दिनाँक -: 17/01/2018,बुधवार
माघ , कृष्ण पक्ष
अमवस्या
""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल)
तिथि--------अमावस्या07:46:51 तक
पक्ष-----------------------------कृष्ण
नक्षत्र-------उत्तराषाढा22:18:03
योग---------------हर्शण09:45:30
करण-------------नागव07:46:52
करण-------किन्स्तुघ्ना21:01:11
वार---------------------------बुधवार
माह (पूर्णिमांत)----------------माघ
चन्द्र राशि--------------------- मकर
सूर्य राशि---------------------- मकर
रितु------------------------------हेमंत
आयन---------------------उत्तरायण
संवत्सर---------------------हेम्लम्बी
संवत्सर (उत्तर)-----------साधारण
विक्रम संवत-----------------2074
विक्रम संवत (कर्तक)-------2074
शाका संवत------------------1939
वृन्दावन
सूर्योदय-----------------07:12:09
सूर्यास्त------------------17:46:37
दिन काल---------------10:34:27
रात्री काल--------------13:25:22
चंद्रास्त------------------18:07:17
चंद्रोदय------------------31:31:21
लग्न---मकर2°47' , 272°47'
सूर्य नक्षत्र----------------उत्तराषाढा
चन्द्र नक्षत्र---------------उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया---------------------ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
भो----उत्तराषाढा 08:51:17
जा----उत्तराषाढा 15:35:01
जी----उत्तराषाढा 22:18:01
खी----श्रवण 29:00:18
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
=======================
सूर्य=मकर 02°47 उ o षा o, 2भो
चन्द्र=मकर02 ° 32'उ o षा o' 2 भो
बुध=धनु 14 ° 00 ' पू o षा o ' 1भू
शुक्र=मकर 04 ° 37' उo षा o 3 जा
मंगल=तुला 00 ° 04 'विशाखा '4 तो
गुरु=तुला 25 ° 25 ' विशाखा , 2 तू
शनि=धनु 09 ° 10' मूल '3 भा
राहू=कर्क 22 ° 01 'आश्लेषा , 2 डू
केतु=मकर 22 ° 01 ' श्रवण, 4 खो
*🚩💮🚩शुभा$शुभ मुहूर्त🚩💮🚩*
राहू काल 12:29 - 13:49अशुभ
यम घंटा 08:31 - 09:51अशुभ
गुली काल 11:10 - 12:29अशुभ
अभिजित 12:08 -12:51अशुभ
दूर मुहूर्त 12:08 - 12:51अशुभ
💮चोघडिया, दिन
लाभ 07:12 - 08:31शुभ
अमृत 08:31 - 09:51शुभ
काल 09:51 - 11:10अशुभ
शुभ 11:10 - 12:29शुभ
रोग 12:29 - 13:49अशुभ
उद्वेग 13:49 - 15:08अशुभ
चाल 15:08 - 16:27शुभ
लाभ 16:27 - 17:47शुभ
🚩चोघडिया, रात
उद्वेग 17:47 - 19:27अशुभ
शुभ 19:27 - 21:08शुभ
अमृत 21:08 - 22:49शुभ
चाल 22:49 - 24:29*शुभ
रोग 24:29* - 26:10*अशुभ
काल 26:10* - 27:51*अशुभ
लाभ 27:51* - 29:31*शुभ
उद्वेग 29:31* - 31:12*अशुभ
💮होरा, दिन
बुध 07:12 - 08:05
चन्द्र 08:05 - 08:58
शनि 08:58 - 09:51
बृहस्पति 09:51 - 10:44
मंगल 10:44 - 11:37
सूर्य 11:37 - 12:29
शुक्र 12:29 - 13:22
बुध 13:22 - 14:15
चन्द्र 14:15 - 15:08
शनि 15:08 - 16:01
बृहस्पति 16:01 - 16:54
मंगल 16:54 - 17:47
🚩होरा, रात
सूर्य 17:47 - 18:54
शुक्र 18:54 - 20:01
बुध 20:01 - 21:08
चन्द्र 21:08 - 22:15
शनि 22:15 - 23:22
बृहस्पति 23:22 - 24:29
मंगल 24:29* - 25:36
सूर्य 25:36* - 26:44
शुक्र 26:44* - 27:51
बुध 27:51* - 28:58
चन्द्र 28:58* - 30:05
शनि 30:05* - 31:12
*नोट*-- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*💮दिशा शूल ज्ञान-------उत्तर*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*🚩अग्नि वास ज्ञान -:*
15 + 15 + 4 + 1= 35 ÷ 4 = 3शेष
पृथ्वी पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*💮 शिव वास एवं फल -:*
30 + 30 + 5 = 65 ÷ 7 = 2 शेष
गौरि संन्निधौ = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
* उदयामावस्य स्नान, दानादि पर्व
* श्री बलभद्र भटाचार्य पाटोत्सव
* दाऊजी की झांकी ,राधाबल्लभ जी वृन्दावन
*💮🚩💮शुभ विचार💮🚩💮*
एकाकिना तपो द्वाभ्यां पठनं गायनं त्रिभिः ।
चतुर्भिर्गमनं क्षेत्रं पंचभिर्बहुभी रणम् ।।
।।चा o नी o।।
जब आप तप करते है तो अकेले करे.
अभ्यास करते है तो दुसरे के साथ करे.
गायन करते है तो तीन लोग करे.
कृषि चार लोग करे.
युद्ध अनेक लोग मिलकर करे.
*🚩💮🚩सुभाषितानि🚩💮🚩*
गीता -: क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभाग योगअo-13
ऋषिभिर्बहुधा गीतं छन्दोभिर्विविधैः पृथक् ।,
ब्रह्मसूत्रपदैश्चैव हेतुमद्भिर्विनिश्चितैः ॥,
यह क्षेत्र और क्षेत्रज्ञ का तत्व ऋषियों द्वारा बहुत प्रकार से कहा गया है और विविध वेदमन्त्रों द्वारा भी विभागपूर्वक कहा गया है तथा भलीभाँति निश्चय किए हुए युक्तियुक्त ब्रह्मसूत्र के पदों द्वारा भी कहा गया है॥,4॥,
*💮🚩दैनिक राशिफल🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत्।।
🐏मेष
धर्म में आस्था रहेगी। सत्संग का लाभ मिलेगा। कोर्ट-कचहरी में लाभ होगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें।
🐂वृष
चोट, रोग व चोरी आदि से हानि संभव है। लापरवाही न करें। विवेक से कार्य करें। लाभ होगा। कुसंगति से हानि होगी।
👫मिथुन
विवाद से बचें। क्लेश होगा। वैवाहिक प्रस्ताव मिल सकता है। बेचैनी रहेगी। वरिष्ठ जन सहयोग करेंगे। चोट, चोरी व विवाद से हानि संभव है।
🦀कर्क
वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। शत्रुभय रहेगा। संपत्ति के बड़े सौदे बड़ा लाभ दे सकते हैं। जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा।
🐅सिंह
विद्वान व्यक्ति का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। मनपसंद भोजन प्राप्त होगा। लाभ होगा।
🙍🏻कन्या
शत्रु सक्रिय रहेंगे। बुरी सूचना मिल सकती है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। घर-परिवार में अशांति संभव है। कोर्ट व कचहरी के कार्य बनेंगे।
⚖तुला
पराक्रम में वृद्धि होगी। मान-सम्मान मिलेगा। कार्यसिद्धि से प्रसन्नता रहेगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रमाद न करें।
🦂वृश्चिक
लेन-देन में सावधानी रखें। पुराने मित्र व संबंधी मिलेंगे। प्रसन्नता रहेगी। मान बढ़ेगा। व्यवसाय लाभदायक रहेगा।
🏹धनु
राजकीय बाधा संभव है। शारीरिक कष्ट से कार्यों में बाधा संभव है। अप्रत्याशित लाभ होगा। रोजगार मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी।
🐊मकर
अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। कर्ज लेना पड़ सकता है। अपेक्षानुरूप कार्य न होने से तनाव रहेगा। सुख के साधन जुटेंगे। लाभ होगा।
🍯कुंभ
डूबी हुई रकम प्राप्त होगी। घर-बाहर पूछ-परख बढ़ेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। यात्रा व निवेश सफल रहेंगे। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🐟मीन
योजना में परिवर्तन संभव है। यात्रा मनोरंजक रहेगी। धनलाभ होगा। राजकीय सहयोग से प्रसन्नता रहेगी। शत्रु शांत रहेंगे।
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