आसरा एक तुम्हारी कृपा का हमें भव सागर पार उतारो
मात दयाकर जान के दीन हमें जननी निज हाथ संवारो
डूबत जात है नाव मेरी कर दृष्टि दया की आन सँभारो
हे जननी दर तेरे पड़े करुणाकर एक ही बार निहारो
राष्ट्रीय भागवत कथा प्रवक्ता
प्रमोद कृष्ण शास्त्री जी महाराज
08737866555
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