शनिवार, 13 जनवरी 2018

मकर संक्रांति दान, उपाय और फल पढ़ें राशि अनुसार...

मकर संक्रांति दान, उपाय और फल पढ़ें राशि अनुसार...

14 जनवरी को मकर संक्रांति, क्या जीवन में लाएगी शांति?

मकर संक्रांति के राशिनुसार दान और उनका फल

14 जनवरी को मकर संक्रांति है। आइए जानते हैं इस दिन अपनी राशि के अनुसार क्या दान करें कि हर तरह से शुभता मिले।

1. मेष- जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य दें। तिल-गुड़ का दान दें। उच्च पद की प्राप्ति होगी।
2. वृषभ- जल में सफेद चंदन, दुग्ध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। बड़ी जवाबदारी मिलने तथा महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ होने के योग बनेगें।
3. मिथुन- जल में तिल, दूर्वा तथा पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गाय को हरा चारा दें। मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें। ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
4. कर्क-जल में दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चावल-मिश्री-तिल का दान दें। कलह-संघर्ष, व्यवधानों पर विराम लगेगा।
5. सिंह- जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। तिल, गुड़, गेहूं, सोना दान दें। किसी बड़ी उपलब्धि की प्राप्ति होगी।
6. कन्या- जल में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें। मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें। गाय को चारा दें। शुभ समाचार मिलेगा।
*7. तुला-* सफेद चंदन, दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चावल का दान दें। व्यवसाय में बाहरी संबंधों से लाभ तथा शत्रु अनुकूल होंगे।
*8. वृश्चिक-* जल में कुमकुम, रक्तपुष्प तथा तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गुड़ का दान दें। विदेशी कार्यों से लाभ तथा विदेश यात्रा होगी।
*9. धनु-* जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प तथा मिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। चारों-ओर विजय होगी।
*10. मकर-* जल में काले-नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। गरीब-अपंगों को भोजन दान दें। अधिकार प्राप्ति होगी।
*11. कुंभ-* जल में नीले-काले पुष्प, काले उड़द, सरसों का तेल-तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। तेल-तिल का दान दें। विरोधी परास्त होंगे। भेंट मिलेगी।
*12 . मीन-* हल्दी, केसर, पीत पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें। सरसों, केसर का दान दें। सम्मान, यश बढ़ेगा।

 मकर संक्रांति विशेषांक 🔴

भगवान भास्कर श्री सूर्यदेव दिनांक 14 जनवरी रात्रि 20:14 पर मकर राशि में प्रवेश करेंगे ।

चुकि संक्रांति का समय रात्रि का है अत: मकर संक्रांति का पर्व सोमवार दिनांक 15 जनवरी को मनाया जायेगा, और यही सर्वथा उचित होगा । क्योंकि शास्त्रों के मतानुसार मेष व तुला राशि के संक्रांति के समय के दोनों ओर 10-10 घटी पूण्यकाल होता है परन्तु मकर के प्रवेश के बाद की 20 घटी पुण्यकाल होता है । अत: रात्रि काल के संक्रांति लगने पर उसका पूण्यकाल दूसरे दिन मध्याह्वन तक रहेगा ।

🔹 इस संक्रांति का विशोपक 10 विश्वा बल होगा ।
🔹इस संक्रांति का नाम - विषुप ।
🔹अवस्था - बैठी ।
🔹स्वरूप - श्यामल ।
🔹वस्त्र - काले वस्त्र ।
🔹शस्त्र - हाथ में चौड़े फाल वाली तलवार होगी ।
🔹जाति -  इस संक्रांति की जाति मृग होगी ।
🔹वाहन - भैंसा होगा ।
🔹उपवाहन - ऊँट ।
🔹भोजन -  दही ।
🔹लेपन - महावर का तिलक होगा ।
🔹अवस्था - प्रगलभावस्था ।
🔹पुष्प - हाथ में आक का फूल धारण करती है ।
🔹फल -  कष्टकर फल प्रदान करेंगी ।
🔹पात्र - इसका पात्र खप्पर है ।

🔹इस संक्रांति में एक खास बात यह भी है कि इस समय दिनांक 15 को प्रात: काल से, सर्पिणी नामक अधोमुखी भद्रा भी सुरू है । जिसका वास पाताल लोक में होगा !

🔹चुकि मकर संक्रांति रविवार उग्र तिथि और मूल अर्थात तीक्ष्ण नक्षत्र में हो रही है जो घोरा और राक्षसी संक्रांति का सम्यक रूप है । अत: यह संक्रांति अति निम्न जातिवर्गो तथा शूद्रवर्ण के लिए सुखप्रद रहेगी ।

🔹परन्तु रात्रि के पहले पहर में यह संक्रांति राक्षसों और पिशाचों के लिए कष्टप्रद रहेगी ।

🔹यह रविवारी संक्राति राष्ट्रशासन सत्ता के लिए उचित नही है यह शासन सत्ता में अस्थिरता लायेगा तथा तमाम ऐसे कारण उत्पन्न होगे जो राजनीतिक मतभेद का कारण बनेगी ।

🔹यह संक्रांति स्वास्थ्य के लिहाज से मनुष्यों  के लिए उचित नही है , इस रविवारी संक्रांति के कारण मानव कथा जीवों में पित्त जनित रोगों की बढोत्री करेगा ।  

🔹 समर्ध संक्रांति का समय इस बात का इशारा कर रहा है कि वर्षा कि स्थिति संतोषजनक रहेगी ।

🔹 कारोबार तथा महंगाई के लिहाज से यह समर्घ संक्रांति होगी । जिसके फल स्वरूप महंगाई तथा व्यापार में सामान्य मंदी-तेजी रहेगी हालत बनी रहेगी जो व्यापारियों और ग्राहकों कभी अनुकूल तो कभी प्रतिकूल सी जान पड़ेगी ।

🔴 संक्रांति विश्वफल 🔴

संक्रांति फल के अनुसार कही सुख शान्ति का प्रादुर्भाव होगा तथा एक तरफ तो विश्व में शान्ति बनाए रखने के लिए कुछ राष्ट्र के नेताओ की वार्ता आदि होगा तथा विश्वशान्ति के प्रयासो की चर्चा परिचर्चा का जोर रहेगा तथा वही दूसरी तरफ कुछ बड़े देश छोटे देशों पर अपना प्रभाव जमाने का प्रयास करेंगे । हर दिशा में दुख सुख की समान क्रिया प्रतिक्रिया होती रहेगी । व्यापार आदि में कभी बढोत्री तो कभी घटोत्री का ऐसा खेल रहेगा कि व्यापारी वर्ग हमेशा अस्थिरता का अनुभव करेगा ।

🔴 राशियों पर प्रभाव -

🔹 मेष - मेष राशि के लिए यह संक्रांति शुभ है तथा मेष राशि के जातक अपने समय का पूरा आनंन्द लेंगे ।

🔹 वृषभ - वृषभ राशि वालों के लिए यह संक्रांति ठीक नही है तथा उनमें कुटिलता तथा क्रूरता का बढोत्री होगा और उनकी बुद्धि पापाचरण की तरफ अग्रसर होगी ।

🔹 मिथुन :- मिथुन राशि वालों के लिए भी यह संक्रांति स्वास्थ्य के लिहाज से ठीक नही है तथा मिथुन राशि के जातकों को बीमारियों से सावधान रहने की आवश्यकता रहेगी ।

🔹 कर्क :- कर्क राशि के जातकों के लिए भी समय ठीक नही रहेगा उनको यात्रा आदि से सावधान रहने की आवश्यकता है तथा किसी बड़ी हानी की संभावना है ।

🔹 सिंह :- सिंह राशि वालो के लिए यह संक्रांति कुछ मामलो में बहुत अच्छी रहेगी । जैसे कि उनके सुखो और संसाधनों में वृद्धि के साथ साथ वह अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करेंगे ।

🔹 कन्या :- कन्या राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति सुखद नही रहेगी । इस समय में कन्या राशि के जातको को अपने हालता और परिस्थितियों के कारण अत्यंत दीनता तथा हीनता का आभास होगा और किसी तरह की हानि भी उठानी पड़ेगी ।

🔹 तुला :- तुला राशि के जातक सतर्क हो जाए यह संक्रांति आपको किसी तरह से भी लाभप्रद नही रहेगी । आने वाले समय में कुछ ऐसा होगा जिससे आपके मान सम्मान को धक्का लगेगा तथा आपको अपमानित होना पड़ेगा साथ ही आप किसी रोग से भी परेशान होंगे ।

🔹 वृश्चिक :- वृश्चिक राशि के जातकों के लिए हर लिहाज से यह संक्रांति बहुत ही शुभ है । आने वाले समय में उनको धन लाभ के साथ साथ नाम और दैविक कृपा की भी प्राप्ति होगी तथा सुखपूर्ण जीवन बीताने का आनंद लेंगे ।

🔹 धनु :- धनु राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति ठीक नही है । उन्हें अपने कारोबार , नौकरी आदि में हानि तो उठाना ही पड़ेगा साथ ही किसी भय से भी वह ग्रसित रहेंगे ।

🔹 मकर :- मकर राशि में सूर्य देव का संक्रांति वो भी मूल नक्षत्र में अस्थिरता उत्पन्न करेगी और यह संभव है कि उनको किन्ही कारण से अपना स्थान तक परिवर्तन करना पड़े ।

🔹 कुम्भ :- कुम्भ राशि के जातकों के लिए भी यह संक्रांति ठीक नही है । उन्हें अपने धन तथा रूपये पैसे को लेकर बहुत सचेत रहने की आवश्यकता है उनको किसी तरह की आर्थिक हानी उठानी पड़ सकती है ।

🔹 मीन :- मीन राशि वालों के लिए यह संक्रांति कुछ विशेष खराब साबित हो सकती है । मीन राशि वालों को सिर्फ एक या दो नही बल्की इस मास खासकर 31 जनवरी के चन्द्रग्रहण से पूर्व तो तरह तरह के परेशानियों का सामना कर पड़ सकता है अत: आप अपने कुलदेवता और आपने आराध्यदेवता का पूजन प्रार्थना करना ना भूलें ।
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मकरसंक्रांति ता 14/1/2018 रविवारको है
👉🏻 क्या करे??
👉🏻 सूर्योदयसे पहले उठकर तिलके तेल से स्नान करें
👉🏻 सुर्यनारायण को अर्घ्य दे
👉🏻 शिवलिंग पर गायके घी से अभिषेक करें
👉🏻 तिलकी  चिकी खाये
👉🏻 अपने ईष्ट देव को तिल सांकली निवेदन करें
🙏🏻 पूण्यकाल समय दोपहर 01:46 से 06:30 तक
👉🏻 निम्न कार्य पुण्योदयके समय करें
👉🏻 जरुरतमंद व्यकितको राशिनुसार  दान दें
👉🏻 गायको घास / पक्षीओको चण खिलाए
👉🏻 पितृ तर्पण करें
👉🏻  बेर, तिलके लड्डु, काला कंबल, कच्ची खिचडी, गुप्त दक्षिणा दान करें

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